देश के सबसे बड़े कोचिंग हब माने जाने वाले कोटा में लगातार छात्रों के सुसाइड के मामले सामने आ रहे हैं। इसे लेकर जिला प्रशासन ने हर पखवाड़े छात्रों का मनोवैज्ञानिक परीक्षण कराने का फैसला लिया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने कहा कि परीक्षण से छात्रों में आत्महत्या की प्रवृत्ति का पता लगाने में मदद मिलेगी। इससे उन्हें समय पर परामर्श प्रदान किया जा सकेगा।
कोटा के जिलाधिकारी ने क्या कहा?
कोचिंग संस्थानों और छात्रावासों के लिए दिशा-निर्देशों के कार्यान्वयन की समीक्षा को लेकर शनिवार को कोचिंग संस्थानों, छात्रावासों और अन्य हितधारकों के प्रतिनिधियों के साथ जिला स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया। कोटा के जिलाधिकारी ओ. पी. बुनकर ने समीक्षा बैठक के बाद मीडिया को बताया, "हम हर कोचिंग छात्र का हर पखवाड़े मनोवैज्ञानिक परीक्षण कराने जा रहे हैं, चाहे वह कोचिंग संस्थान, हॉस्टल या पीजी में रहता हो।"
बीते दिनों यूपी के मनीष ने कोटा में की आत्महत्या
बीते दिनों कोटा में एक और कोचिंग स्टूडेंट ने आत्महत्या कर ली। कोटा में मनीष प्रजापति नाम के एक कोचिंग छात्र की आत्महत्या का मामला सामने आया। 17 साल का मनीष उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ का रहने वाला था। मनीष पिछले छह महीने से कोटा के एक निजी कोचिंग इंस्टीट्यूट में ज्वॉइन्ट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (JEE) की परीक्षा की तैयारी कर रहा था।
इस साल इतने स्टूडेंट कर चुके हैं सुसाइड
बता दें कि इस साल जनवरी से अब तक कोटा में कोचिंग छात्रों के आत्महत्या करने के 19 मामले सामने आए हैं। इनमें से इस महीने के पहले 10 दिन में तीन मामले सामने आए।