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जयपुर हेरिटेज नगर निगम की नई पहल, सिंगल यूज प्लास्टिक से कमाई का निकाला तरीका

जयपुर हेरिटेज नगर निगम ने सिंगल यूज प्लास्टिक से कमाई का तरीका निकाल लिया है। दरअसल, सिर्फ एक बार यूज होने वाले प्लास्टिक को इकट्ठा करके उसे सीमेंट निर्माण संयंत्रों को बेचने की प्लानिंग की जा रही है।

सिंगल यूज प्लास्टिक से कमाई का तरीका।- India TV Hindi Image Source : PEXELS/REPRESENTATIVE IMAGE सिंगल यूज प्लास्टिक से कमाई का तरीका।

जयपुर: कचरा निष्पादन के क्रम में जयपुर हेरिटेज नगर निगम ने नया मुकाम हासिल किया है। यहां जयपुर हेरिटेज नगर निगम ने एक बार उपयोग होने वाले प्लास्टिक उत्पादों (एसयूपी) को सीमेंट निर्माण संयंत्रों को बेचकर इसे लाभप्रद उद्यम बना दिया है। निगम ने अभियान के दौरान जब्त हजारों टन एसयूपी को दोबारा इस्तेमाल योग्य बनाकर बेचने की नई पहल की है। निगम ने प्रकृति के लिए हानिकारक पॉलीथिन को नष्ट करने के बजाय लांगड़ियावास और मथुरादापुरा ‘डंप यार्ड’ में ‘रिफ्यूज डिराइव्ड फ्यूल’ (आरडीएफ) मशीन लगाई हैं, ताकि प्लास्टिक को कुचलकर उसे दोबारा इस्तेमाल योग्य बनाकर सीमेंट निर्माण संयंत्रों को बेचा जा सके और इससे कुर्सियां, मेज आदि जा सकें। 

6 हजार किलो एसयूपी जब्त

अधिकारियों ने बताया कि निगम ने पिछले तीन-चार महीनों में अपनी कार्रवाई के दौरान करीब 6,000 किलोग्राम एसयूपी को जब्त किया है और इसे दोबारा इस्तेमाल करने योग्य बनाने के बाद सीमेंट संयंत्रों को बेचकर राजस्व अर्जित किया है। जयपुर हेरिटेज नगर निगम आयुक्त अभिषेक सुराणा ने कहा, ‘‘अभियान के दौरान जब्त इस प्लास्टिक का निस्तारण हमारे सामने बड़ी समस्या थी। ‘डंप यार्ड’ में आरडीएफ मशीनें लगाई गईं, ताकि प्लास्टिक को काटकर सीमेंट बनाने वाले संयंत्रों को इन्हें बेचा जा सके। इससे निगम को राजस्व भी मिलने लगा है।’’ 

चालान काटकर वसूले 35 लाख रुपये

उन्होंने बताया कि प्लास्टिक का उपयोग सड़क बनाने में भी किया जा सकता है और निगम इसकी संभावना भी तलाश रहा है। उन्होंने बताया कि नगर निगम की स्वास्थ्य शाखा ने एसयूपी के खिलाफ व्यापक अभियान चलाकर 6,000 किलोग्राम से अधिक प्लास्टिक उत्पाद जब्त किए हैं और उल्लंघनकर्ताओं के चालान काटकर 35 लाख रुपए वसूले गए हैं तथा सीमेंट संयंत्रों को प्लास्टिक बेचकर अच्छी खासी कमाई भी हुई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने एक बार उपयोग होने वाले प्लास्टिक उत्पादों पर एक जुलाई, 2022 से प्रतिबंध लगा दिया है। (इनपुट- भाषा)

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