जयपुर: राजस्थान की गहलोत सरकार प्रदेश में बेहतर कानून व्यवस्था का दावा करती है लेकिन ये दावे महज झूठे है। प्रदेश की राजधानी जयपुर मे अपराधियो का बोलबाला है तो आप अंदाजा लगाइए कि सूबे का हाल क्या होगा। दरसल जयपुर में 8 दिसम्बर को देर रात एक पत्रकार की गुंडो ने लाठी सरियों से पिटाई कर दी जिसके बाद घायल पत्रकार की देर रात को मौत हो गई। जानकारी के अनुसार मृतक अभिषेक सोनी जो कि अपनी साथी महिला पत्रकार के साथ शादी समारोह से वापस लौट रहा था। मानसरोवर इलाके मे लौटते वक्त ढाबे पर दोनों चाय पीने के लिए रुके जहां उस महिला के साथ वहां मौजूद लड़के छेडछाड करने लगे। अभिषेक ने इन लड़को को रोका तो पहले तो वो लड़के वहां से चले गए उसके बाद दोबारा लाठी सरिया लेकर वापस आए और अभिषेक के सर पर ताबड़तोड़ वार किया।
बीच हाईवे पर आधे घंटे तक पड़ा रहा घायल पत्रकार
इस घटना में साथी महिला पत्रकार भी गंभीर रूप से घायल हो गई। अमानवीयता की हद तो तब पार हो गई जब घायल अभिषेक सोनी बीच हाईवे पर आधे घंटे तक पड़ा रहा और ढाबे पर मौजूद लोग देखते रहे लेकिन कोई भी बचाने नहीं आया। घायल अभिषेक को जब होश आया तो उसने खुद ही साथी महिला पत्रकार को उठाया और अस्पताल में भर्ती कराया और खुद भी एसएमएस अस्पताल में भर्ती हुआ लेकिन उसकी मौत हो गई। इस मामले में पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार तो कर लिया है लेकिन अभी भी मुख्य आरोपी मौके से फरार है।
अपराधियों पर लगाम लगा पाने में नाकामयाब गहलोत सरकार
बता दें कि कोरोना काल में गहलोत सरकार ने आदेश निकाले है कि रात 8 बजे के बाद प्रदेश नाइट कर्फ्यू लग जाएगा मुख्य रूप से ढाबों-होटलो को बंद किया जाएगा लेकिन इस घटना के बाद ये साफ हो गया है कि गहलोत सरकार अपराधियों पर लगाम लगा पाने में नाकामयाब है। जयपुर पुलिस नाइट गश्त के दौरान भी शहर के पॉश इलाके में इस तरह से खुले ढाबे नहीं देख पाई। जहां ये घटना हुई वो मानसरोव इलाका है जो कि शहर का पॉश इलाका माना जाता है।