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Hindi News राजस्थान गुर्जर आंदोलन के मुखिया कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला का निधन, जयपुर में ली अंतिम सांस

गुर्जर आंदोलन के मुखिया कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला का निधन, जयपुर में ली अंतिम सांस

गुर्जर आंदोलन के मुखिया रहे कर्नल किरोड़ी बैंसला का निधन हो गया है। किरोड़ी बैसला लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके बेटे विजय बैंसला ने की उनके निधन की पुष्टि की है। 

Colonel Kirori Singh Bainsla passes away in Jaipur- India TV Hindi Image Source : TWITTER/@MPBHAGIRATHBJP Colonel Kirori Singh Bainsla passes away in Jaipur

Highlights

  • कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला के बेटे ने की निधन की पुष्टि
  • बैंसला के निधन पर लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं

Colonel Kirori Singh Bainsla passes away: राजस्थान में गुर्जर आरक्षण के पुरोधा कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला का गुरुवार को निधन हो गया है। वे काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। बैंसला ने जयपुर स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली। उनके बेटे विजय बैंसला ने की उनके निधन की पुष्टि की है। तबीयत बिगड़ने पर उन्हें मणिपाल अस्पताल ले जाया गया था जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बैंसला के निधन पर लोग ट्विटर पर उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं।

अजमेर से भाजपा सांसद भगीरथ चौधरी ने कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए ट्वीट में लिखा कि, 'कर्नल किरोड़ी सिंह जी बैंसला के निधन के समाचार दुःखद है। समाज सुधार एवं समाज को संगठित करने में आपका योगदान अविस्मरणीय रहेगा। ईश्वर दिवंगत आत्मा को आपने श्री चरणों में स्थान एवं परिजनों को यह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति !!' भाजपा राजस्थान के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने भी बैंसला के निधन पर शोक जताया है।

पिछले दिनों ही कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने अपने बेटे विजय बैंसला को गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति की कमान सौंप दी थी। किरोड़ी सिंह बैंसला सेना में कर्नल थे। सेवानिवृत्त होने के बाद बैंसला ने राजनीति में प्रवेश किया। बैंसला भाजपा के टिकट पर टोंक- सवाई माधोपुर लोकसभा से सीट से चुनाल लड़े लेकिन बहुत कम मतों से कांग्रेस के नमोनारायण मीणा से चुनाव हार गए थे।

गुजरों के एसटी में शामिल कराने के मांग को लेकर कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के नेतृत्व में  साल 2008 में हुए गुर्जर आऱक्षण में 70 मौतें हो गई। कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने राजस्थान के गुर्जरों के लिए अलग से एमबीसी यानी अन्य पिछड़ा वर्ग  के तहत गुर्जरों को सरकारी नौकरियों में 5 फीसदी आरक्षण दिलाने में कामयाब रहे। पहले राजस्थान के गुर्जर ओबीसी में थे, लेकिन बैंसला के दबाव में सरकार को एमबीसी में गुर्जरों को शामिल करना पड़ा।