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Hindi News राजस्थान गहलोत सरकार ने किसानों को दी बड़ी राहत, बारिश से फसलों के नुकसान का मिलेगा मुआवजा

गहलोत सरकार ने किसानों को दी बड़ी राहत, बारिश से फसलों के नुकसान का मिलेगा मुआवजा

गहलोत ने अपने ट्वीट में कहा, प्रदेश के विभिन्न जिलों में पश्चिमी विक्षोभ के कारण हुई बेमौसमी बारिश से फसलों को हुआ नुकसान अत्यंत चिंतनीय है।

Ashok Gehlot, Ashok Gehlot Rain Compensation, Ashok Gehlot Rain Compensation Farmers- India TV Hindi Image Source : TWITTER.COM/ASHOKGEHLOT51 राजस्थान सरकार ने बेमौसमी बारिश के चलते फसलों का नुकसान झेल रहे किसानों को बड़ी राहत देने का ऐलान किया है।

जयपुर: राजस्थान सरकार ने बेमौसमी बारिश के चलते फसलों का नुकसान झेल रहे किसानों को बड़ी राहत देने का ऐलान किया है। सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को ट्विटर पर कहा कि बेमौसम बारिश में फसलों के मुकसान को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय में समीक्षा के दौरान किसानों को राहत देने के लिए तुरंत प्रभाव से विशेष गिरदावरी कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने साथ ही कहा कि जिला कलेक्टर द्वारा फसलों के नुकसान के आंकलन के बाद किसानों को मुआवजा दिया जाएगा।

गहलोत ने अपने ट्वीट में कहा, ‘प्रदेश के विभिन्न जिलों में पश्चिमी विक्षोभ के कारण हुई बेमौसमी बारिश से फसलों को हुआ नुकसान अत्यंत चिंतनीय है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में पश्चिमी विक्षोभ के कारण हुई बेमौसमी बारिश से फसलों को हुआ नुकसान अत्यंत चिंतनीय है। फसलों में नुकसान को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय में समीक्षा के दौरान किसानों को राहत देने के लिए तुरंत प्रभाव से विशेष गिरदावरी कराने के निर्देश दिए हैं। जिला कलेक्टर फसलों में हुए नुकसान का जल्द आंकलन कराएं, जिसके आधार पर प्रभावित किसानों को मुआवजा देने की कार्यवाही की जा सके।’


एक अन्य ट्वीट में गहलोत ने कहा, ‘बैठक में प्रदेश में डीएपी खाद की उपलब्धता एवं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को मुआवजे के वितरण की भी समीक्षा की। ऐसे में जिला कृषि अधिकारी किसानों के बीच जाकर उन्हें डीएपी के वैकल्पिक उर्वरक के रूप में इस खाद के उपयोग को अपनाने की सलाह दें। किसानों को बताया जाए कि सिंगल सुपर फॉस्फेट तथा यूरिया का मिश्रण तिलहनी एवं दलहनी फसलों के लिए अन्य उर्वरकों की तरह ही लाभदायक और किफायती है।’

गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार दलहनी एवं तिलहनी फसलों में डीएपी के विकल्प के रूप में सिंगल सुपर फास्फेट (एसएसपी) के उपयोग को बढ़ावा देगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एसएसपी की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता है और स्थानीय स्तर पर इस उर्वरक का उत्पादन भी हो रहा है।