राजस्थान के अजमेर से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है। 1993 के सीरियल ब्लास्ट मामले में आरोपी सैयद अब्दुल करीम टुंडा सहित इरफान और हमीमुद्दीन को आज टाडा कोर्ड अपना फैसला सुना दिया। फैसला सैयद अब्दुल करीम टुंडा के पक्ष में आया है, कोर्ट ने सैयद अब्दुल करीम टुंडा को बरी कर दिया है। साथ ही दो आरोपी को दोषी माना है। जानकारी दे दें कि बाबरी मस्जिद ढहाने की वर्षगांठ पर हुए मुंबई, लखनऊ, कानपुर, हैदराबाद और सूरत की ट्रेनों में सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे। इस मामले पर आज 31 साल बाद टाडा कोर्ट अपना अंतिम फैसला सुनाया है।
सरकारी एजेंसियां कोर्ट के सामने अब्दुल करीम टुंडा के खिलाफ कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर पाईं, जिसके चलते कोर्ट ने अब्दुल करीम टुंडा को बरी कर दिया। वहीं कुछ देर बाद दो अन्य आरोपी इरफान और हमीदुद्दीन को उम्र कैद की सजा सुना दी गई। सभी आरोपी सहित करीम टुंडा को सेंट्रल जेल में कड़ी सुरक्षा के बीच ले जाया गया।
टुंडा पर शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन में बम धमाके का आरोप
टुंडा के खिलाफ शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन में सीरियल बम ब्लास्ट का मामला साल 2014 से विचाराधीन था, जिस पर कोर्ट ने फैसला दे दिया है। इस मामले में अंसारी सहित तकरीबन 17 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। बता दें कि अब्दुल करीम को साल 2013 में नेपाल बॉर्डर से पकड़ा गया था। टुंडा 24 सितंबर 2023 से अजमेर जेल में बंद है।
थोड़ी देर में फैसला
अजमेर की टाडा कोर्ट में ये मामला 2014 से विचाराधीन है। दोनों पक्षों के वकील अभी टाडा कोर्ट में मौजूद हैं। अब्दुल करीम टुंडा सहित तीन आरोपियों के खिलाफ फैसला आ गया है। जानकारी दे दें कि साल 1993 को कानपुर, हैदराबाद और सूरत की ट्रेनों में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों को लेकर 31 साल बाद आज कोर्ट से अंतिम फैसला आएगा। इस मामले में आतंकी अब्दुल करीम उर्फ टुंडा, इरफान एवं हमीमुद्दीन जेल में बंद हैं। टुंडा पहले यूपी की गाजियाबाद जेल में बंद था, जहां से उसे 24 सितंबर, 2023 को अजमेर लाया गया।
(इनपुट- राजकुमार वर्मा)
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