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राजस्थान में ERCP प्रोजेक्ट का रास्ता साफ, लोकसभा चुनाव में इन 9 सीटों पर भाजपा को फायदे की उम्मीद

राजस्थान में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना का रास्ता साफ हो गया है। इस नहर के बनने से पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों की 83 विधानसभा सीटों और 9 लोकसभा सीटों पर भाजपा को फायदा मिलने की संभावना है।

ERCP project in Rajasthan is cleared BJP hopes to gain on these 9 seats in Lok Sabha elections- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO राजस्थान में लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी भाजपा

राजस्थान में भाजपा सरकार बनते ही पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना का रास्ता लगभग साफ हो गया है। अब राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों को साधने के लिए भाजपा ERCP प्रोजेक्ट पर सवार हो गई है। राजस्थान में लगभग 9 विधानसभा सीटो विशेषकर पूर्वी राजस्थान की सीटों को साधने के लिए भाजपा ने विशेष तैयारियां की है। बता दें कि इस प्रोजेक्ट का राज्य के 13 जिलों की 83 विधानसभा सीटों और 9 लोकसभा सीटों पर प्रभाव पड़ेगा। भाजपा राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के साथ-साथ इस प्रोजेक्ट के जरिए भी लोकसभा चुनाव को जीतने के प्रयास में लग गई है। राज्य में ईआरसीपी का क्षेत्र 13 जिलों में आता है। इसमें भी सर्वाधिक पूर्वी राजस्थान का इलाका है। 

राजस्थान को साधने की तैयारी में भाजपा

इस प्रोजेक्ट से जयपुर ग्रामीण, दौसा, अलवर, भरतपुर, टोंक-सवाईमाधोपुर, अजमेर, बारां-झालावाड़, कोटा-बूंदी, धौलपुर-करौली लोकसभा सीटों पर सीधा असर पड़ेगा। विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को पूर्वी राजस्थान से जबरदस्त समर्थन मिला है। जबकि 2018 के विधानसभा चुनाव में पूर्वी राजस्थान में आने वाले भरतपुर संभाग में भाजपा केवल एक सीट पर ही जीत पाई थी। हालांकि बाद में राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के चक्कर में शोभारानी कुशवाहा को बाहर का रास्ता दिखाया गया।

इन सीटों पर दिखेगा असर

इस मामले पर भाजपा नेता सीपी जोशी ने बयान देते हुए कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर व्यावसायीकरण और राजस्थान को नुकसान होने की बात बता रही है, जबकि भाजपा ने इसे अपने एजेंडे में शामिल कर लिया है। यहां तक कोर कमेटी की बैठक में भी ईआरसीपी के मुद्दे पर ही ध्यान दिया गया है कि किस तरह से पूर्वी राजस्थान में इस मुद्दे को लेकर ज्यादा से ज्यादा लोगों तक सकारात्मक माहौल बनाया जाएं। बता दें कि इस प्रोजेक्ट से जयपुर ग्रामीण, दौसा, अलवर, भरतपुर, टोंक-सवाईमाधोपुर, अजमेर, बारां-झालावाड़, कोटा-बूंदी, धौलपुर-करौली लोकसभा सीटों पर सीधा असर पड़ेगा।