Desh Ki Awaaz: राजस्थान राजनीति में तमाम दांव-पेंच के बाद भी अशोक गहलोत की सरकार आज भी चल रही है लेकिन इंडिया टीवी-मैटराइज सर्वे के मुताबिक 2023 के विधानसभा चुनाव यदि आज होते हैं तो कांग्रेस की सरकार का जाना लगभग तय माना जा रहा है। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सत्ता पर कब्जा किया था लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव आज होते हैं तो जनता किसके साथ जाएगी, आइए जानते हैं:
2023 के चुनाव में होगा तख्तापलट
सर्वे के मुताबिक, राजस्थान के 27 फीसदी मतदाता कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार को दोबारा सरकार में लाने के पक्ष में नहीं हैं। वहीं, 57 फीसदी ने कहा कि वे 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मौका देंगे। 16 फीसदी मतदाताओं ने अभी यह तय नहीं किया है कि वे किस पाले में जाएंगे। राजस्थान में यदि आज विधानसभा चुनाव होते हैं तो बतौर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 27 फीसदी लोगों की पसंद होंगे। वहीं, वसुंधरा राजे के नाम पर 22 फीसदी, गजेंद्र सिंह शेखावत के नाम पर 19 फीसदी, सचिन पायलट के नाम पर 11 फीसदी और अन्य के नाम पर 21 फीसदी लोगों ने मुहर लगाई।
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बीजेपी को मिल सकती हैं 148 सीट
इंडिया टीवी-मैटराइज सर्वे के मुताबिक, अगर आज चुनाव होते हैं तो भारतीय जनता पार्टी 52 फीसदी मतों पर कब्जा जमा सकती है। वहीं, कांग्रेस के खाते में सिर्फ 31 फीसदी वोट आएंगे जबकि अन्य के खाते में 17 फीसदी वोट जाएंगे। भारतीय जनता पार्टी को 148 सीटों पर जीत मिलेगी। वहीं, अशोक गहलोत की अगुवाई में कांग्रेस सिर्फ 42 सीटें जीत पाएगी। अन्य पार्टियों के खाते में 10 सीटें जा सकती हैं।
2018 से कितनी अलग होगी तस्वीर
2018 के विधानसभा चुनावों के मुकाबले बात करें तो आज की तस्वीर काफी जुदा है। 2018 के विधानसभा चुनावों में जहां कांग्रेस ने 100 में से 99 सीटें जीती थीं, वहीं आज चुनाव होने की दशा में वह सिर्फ 42 सीटें जीत पाएगी। वहीं, 73 सीटें जीतने वाली बीजेपी आज चुनाव होने की दशा में दोगुने से भी ज्यादा 148 सीटों पर कब्जा जमा सकती है। यहां सबसे बड़ा मुद्दा सरकार का काम है। यहां सरकार के काम पर 31 फीसदी, मोदी फैक्टर पर 26 फीसदी, विधायक के काम पर 14 फीसदी और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण पर 12 फीसदी वोट पड़ सकते हैं।
राजस्थान चुनाव में पड़ेगा उदयपुर कांड का असर?
यह पूछे जाने पर कि क्या राजस्थान के विधानसभा चुनाव में उदयपुर के कन्हैयालाल मर्डर केस का असर पड़ेगा, 69 फीसदी लोगों ने इसका जवाब हां में दिया। वहीं, 23 फीसदी लोगों का मानना था कि राजस्थान चुनावों में इस काम का कोई असर नहीं पड़ेगा। 8 फीसदी लोग कुछ बताने की स्थिति में नहीं थे।
इंडिया टीवी-मैटराइज सर्वे की मेथडॉलॉजी
इंडिया टीवी-मैटराइज सर्वे 11 जुलाई से 24 जुलाई के बीच किया गया। इस दौरान सर्वे की टीम देश की 136 संसदीय सीटों तक पहुंची और हर वर्ग के लोगों की राय जानी। इस सर्वे में कुल मिलाकर 34 हजार लोगों को शामिल किया गया जिनमें से 20 हजार पुरुष और 15 हजार महिलाएं थीं। इस सर्वे में मार्जिन ऑफ एरर माइनस/प्लस टू रखा गया है यानी कि नतीजों में 2 पर्सेंट इधर से उधर का अंतर हो सकता है। इतने बड़े पैमाने पर हुआ यह सर्वे काफी हद तक जमीनी हकीकत के बारे में बता सकता है।