बकरियां चराने गई नाबालिग से गैंगरेप कर उसे जिंदा भट्टी में जलाया, दोषियों को मिली सजा-ए-मौत
नाबालिग से गैंगरेप और उसे कोयला भट्टी में जलाने के मामले में दो दोषियों को मृत्युदंड की सजा सुनाई गई। अदालत ने इसे 'दुर्लभ से दुर्लभतम' मानते हुए दोनों दोषियों कालू व कान्हा को मौत की सजा सुनाई है।
राजस्थान के भीलवाड़ा की पोक्सो अदालत ने एक नाबालिग से गैंगरेप व उसे कोयला भट्टी में जलाने के मामले में दो दोषियों को सोमवार को मृत्युदंड की सजा सुनाई। विशेष लोक अभियोजक महावीर सिंह किशनावत ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस मामले में दो दोषियों कालू व कान्हा, जिन्होंने नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म किया और उसकी हत्या की, को मौत की सजा सुनाई गई है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म किया गया, उसके साथ मारपीट की गई और फिर उसे जिंदा ही भट्टी में जला दिया गया, इसे अदालत ने 'दुर्लभ से दुर्लभतम' मानते हुए दोनों दोषियों कालू व कान्हा को आज मौत की सजा सुनाई है।
अदालत ने शनिवार को दोनों आरोपियों को दोषी ठहराया था। दोनों दोषियों को सजा सोमवार को सुनाई गई। अदालत ने इस मामले में साक्ष्य मिटाने के आरोपी सात व्यक्तियों को बरी कर दिया था। इनमें तीन महिलाएं व चार पुरुष हैं। किशनावत ने कहा कि इन्हें बरी किए जाने के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की जाएगी। पीड़िता की मां ने कहा कि न्याय हुआ है और वह दोषियों को दी गई सजा से संतुष्ट हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा, "उस समय हमारी सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी की थी।"
दोषियों को सजा मिलने पर गहलोत का ट्वीट
अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर लिखा, "उस समय अतिरिक्त महानिदेशक (अपराध) को घटनास्थल पर भेजा गया एवं 'केस ऑफिसर स्कीम' के तहत इस केस को लिया गया। करीब एक महीने में ही इस मामले में आरोपपत्र दायर कर दिया गया था। आज करीब 10 महीने के अंदर ही इन दोषियों को सजा सुनाई गई है।" पिछले साल अगस्त में हुई यह घटना राजस्थान में एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दा बन गई थी और उस समय विपक्षी दल, भारतीय जनता पार्टी ने महिलाओं के खिलाफ अपराध को लेकर तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा था।
दुष्कर्म करने के बाद कोयला भट्टी में फेंक दिया
बता दें कि गत दो अगस्त को कोटड़ी थाना क्षेत्र में 14 साल की एक नाबालिग के साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म करने के बाद उसे कोयला भट्टी में फेंक दिया गया था। वह इलाके में बकरियां चराने गई थी। कोटड़ी अब नवगठित शाहपुरा जिले में आता है। पुलिस ने इस घटना के लिए भट्टियों के पास ही रह रहे कालबेलिया समुदाय के आरोपियों को गिरफ्तार किया था। ये लोग उन भट्टियों में कोयला बनाने का काम करते थे। किशनावत के अनुसार, सामूहिक दुष्कर्म के बाद आरोपियों को लगा कि नाबालिग मर गई है और उन्होंने उसे भट्ठी में फेंक दिया।
फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (FSL) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि जब लड़की को भट्टी में फेंका गया तब वह जीवित थी, क्योंकि उसकी मौत जलने के कारण हुई। घटनास्थल पर एक कतार में कुल पांच भट्टियां थीं और उनमें से एक असामान्य रूप से पूरी तरह से बंद किए बिना ही चल रही थी। स्थानीय लोगों को इस पर शक हुआ, क्योंकि आमतौर पर भट्टी पूरी तरह से बंद होती है। लोगों को वहां लड़की का कंगन मिला, जिसके बाद हड्डियां बरामद की गईं। (भाषा)
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