जयपुर: राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा द्वारा महाराणा प्रताप और अकबर के बीच हुए युद्ध को सत्ता के लिये संघर्ष बताने पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने शुक्रवार को उन पर तीखा हमला किया और कहा कि इसके लिए कांग्रेस को माफी मांगनी चाहिए। बता दें कि नागौर में गुरुवार को जिला स्तरीय दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोंधित करते हुए डोटासरा ने कहा था कि महाराणा प्रताप और अकबर की लडाई सत्ता संघर्ष के लिये थी, लेकिन बीजेपी ने इसे धार्मिक रंग दे दिया।
‘कांग्रेस ने हमेशा विकृत इतिहास पढ़ाया’
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा, ‘यह पहली बार नहीं है, कांग्रेस की परंपरा रही है कि वह वोट बैंक और तुष्टिकरण की राजनीति करती है, इतिहास में जब-जब उन्होंने पढ़ाया, विकृत इतिहास पढाया। उनकी नजर में अकबर महान है, लेकिन इस देश में तो महाराणा प्रताप ही महान रहेंगे।’ पूनियां ने कहा कि हल्दीघाटी की वो माटी जिसको पूरी दुनिया पूजती है वो उस संघर्ष का प्रतीक है जो राष्ट्रवाद के लिये लड़ा गया, जो देश की अस्मिता और स्वाभिमान के लिये लड़ा गया। उन्होंने कहा कि मुगलों से विकट संघर्ष का इतिहास साक्षी है, इसलिये इस तरीके की टिप्पणियां करना ओछी मानसिकता है।
‘इतिहास नहीं पढ़े तो दोबारा पढ़ लेना’
भारतीय जनता पार्टी के नेता और नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि महाराणा प्रताप का युद्ध स्वाभिमान और स्वतंत्रता के लिये था। कटारिया ने कहा, ‘इतिहास अगर नहीं पढ़े हो तो दोबारा पढ़ लेना, अकबर एक आक्रमणकारी था जो यहां घूमने नहीं आया था, वह यहां पराधीन करने के लिये आया था, और मेवाड ने कभी पराधीनता स्वीकार नहीं की।’ पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि महाराणा प्रताप और अकबर के संघर्ष को सिर्फ सत्ता की लड़ाई बताकर कांग्रेस ने मेवाड़ के स्वाभिमानी इतिहास को ललकारा है।
‘गौरवशाली इतिहास को कमजोर करने की साजिश’
वसुंधरा राजे ने कहा कि महाराणा प्रताप ने मेवाड़ के स्वाभिमान की खातिर जंगलों में घास की रोटियां तक खाई। प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौनड ने भी डोटासरा के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। भारतीय जनता पार्टी के विधायक देवनानी ने कहा कि महापुरुषों के गौरवशाली इतिहास को कमजोर करने की लगातार साजिश हो रही है।