राजस्थान में चल रहे सियासी उठापटक ने दिखा दिया है कि संगठनात्मक रूप से कांग्रेस कितनी कमजोर पार्टी है, क्योंकि यहां आलाकमान क्या कहता है, क्या आदेश देता है उससे किसी को फर्क नहीं पड़ता। अब तो स्थिति ये हो गई है कि पार्टी के विधायकों और मंत्रियों ने भी कांग्रेस आलाकमान को आंख दिखाना शुरू कर दिया है। दरअसल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के वफादार विधायकों की लिस्ट में शामिल शहरी विकास मंत्री शांति धारीवाल के घर हुई बैठक का रविवार देर रात एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें धारीवाल यह कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि अगर अशोक गहलोत को बदला गया, तो कांग्रेस को नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि किसी भी तरह अशोक गहलोत मुख्यमंत्री बने रहें।
शांति धारीवाल ने और भी बहुत कुछ कहा
धारीवाल ने कहा कि आलाकमान में बैठा हुआ कोई आदमी यह बता दे कि अशोक गहलोत के पास कौन से दो पद हैं, जो उनसे इस्तीफा मांग रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी उनके पास केवल मुख्यमंत्री का पद है और जब दूसरा पद मिलगा तब कोई बात उठेगी। धारीवाल वीडियो में यह कहते हुए दिखाई दिये कि आज क्या बात उठ गई, आज आप इस्तीफा मांगने के लिये तैयार हो रहे हो। जिस षड्यंत्र से पंजाब खोया राजस्थान भी खोने जा रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि अपन लोग संभल जायें तो राजस्थान बचेगा, वरना राजस्थान भी हाथ से जायेगा। धारीवाल वीडियो में यह भी कहते दिखे कि विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने पहले दिन ही मना कर दिया था कि उनका कोई लेना देना नहीं है इस पद से।
102 विधायकों में से किसी को बना दो CM
मैं जहां पर हूं वहां प्रसन्न हूं। ना तो वो उम्मीदवार थे और ना उनको उम्मीदवार बनाया गया। लेकिन जानबूझकर एक मीडिया में खबर छपवाकर यह विवाद उत्पन्न किया गया। वीडियो में धारीवाल यह कहते भी दिखाई दिये कि जैसलमेर-जयपुर में कांग्रेस सरकार गिराने की भाजपा की कोशिश को विफल करने के लिए एकसाथ डेरा डालने वाले 102 विधायकों में से किसी को भी मुख्यमंत्री बनाया जाए, तो कोई आपत्ति नहीं है।