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राजस्थान: महल से निकला विवाद थाने तक पहुंचा, संपत्ति को लेकर बुआ-भतीजी में ही ठनी

उदयपुर के राजघराने में संपत्ति विवाद को लेकर कलह थमने का नाम नहीं ले रहा है तो वहीं अब बीकानेर में बुआ और भतीजी के बीच ठन गई है। विधायक सिद्धि कुमारी और बुआ राज्यश्री कुमारी में द्वंद्व जारी है। जानें पूरी खबर-

rajasthan property dispute- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO उदयपुर के बाद बीकानेर में संपत्ति विवाद

उदयपुर के बाद अब बीकानेर पूर्व राजघराने का प्रॉपर्टी विवाद सामने आया है। बीकानेर (पूर्व) की विधायक सिद्धि कुमारी और उनकी बुआ राज्यश्री कुमारी (अंतरराष्ट्रीय शूटर) पर प्रॉपर्टी को लेकर बीछवाल थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। दर्ज हुए क्रॉस केस में एक मामला सिद्धि कुमारी पर होटल चलाने वाली कंपनी ने कराया है। दूसरा केस बुआ (राज्यश्री) पर सिद्धि कुमारी के ट्रस्ट की ओर से संपत्ति खुर्द-बुर्द को लेकर कराया गया है।

बुआ-भतीजी ने लगाए एक दूसरे पर आरोप

बीकानेर के पूर्व शाही परिवार के संपत्ति विवाद मामले में पूर्व राजकुमारी और विधायक सिद्धि कुमारी और उनकी बुआ राज्यश्री कुमारी के बीच का विवाद अरबों की संपत्ति की विरासत और प्रबंधन को लेकर है, जो महाराजा करणी सिंह के वंश से उपजा विवाद है। नरेंद्र सिंह की बेटी सिद्धि कुमारी और करणी सिंह की बेटी राज्यश्री कुमारी, दोनों पारिवारिक संपत्ति से जुड़े संपत्ति ट्रस्टों पर अधिकार जता रही हैं। ये मामला अब राजघराने से निकलकर थाने तक पहुंच गया है।

जानिए क्या है आरोप

सिद्धि कुमारी के खिलाफ पहली प्राथमिकी लक्ष्मी निवास होटल का प्रबंधन करने वाली कंपनी के प्रतिनिधि राजीव मिश्रा ने दर्ज करायी थी। मिश्रा ने सिद्धि कुमारी पर होटल के संचालन में बाधा डालने का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सिद्धि कुमारी के पिता ने 1999 में फर्म के साथ 57 साल के लीज समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसे तीन 19 साल की शर्तों में विभाजित किया गया था, जिसके लिए कंपनी ने किराया दिया था। मिश्रा ने यह भी दावा किया कि सिद्धि कुमारी और उनकी बहन महिमा कुमारी ने 2011 तक फर्म से 4 करोड़ रुपये एकत्र किए लेकिन पट्टे को नवीनीकृत करने या धन वापस करने से इनकार कर दिया।

एफआईआर में कही गई है ये बात

दूसरी प्राथमिकी सिद्धि कुमारी से जुड़े ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष संजय शर्मा ने राज्यश्री कुमारी व अन्य के खिलाफ दर्ज करायी है। शर्मा ने आरोप लगाया कि राजस्थान पब्लिक ट्रस्ट अधिनियम के प्रावधानों के बाद नए न्यासी बोर्ड की नियुक्ति की गई, 29 मई, 2024 को एक हैंडओवर के दौरान विसंगतियां पाई गईं। उन्होंने दावा किया कि महत्वपूर्ण दस्तावेजों और वस्तुओं का दुरुपयोग किया गया था। शिकायत में राज्यश्री कुमारी, मधुलिका कुमारी और कर्मचारी हनुमंत सिंह, गोविंद सिंह और राजेश पुरोहित को कथित कदाचार में शामिल किया गया।

बता दें कि राजमहल के दोनों पक्षों के बीच यह पहली कानूनी लड़ाई नहीं है। लगभग 11 महीने पहले सिद्धी कुमारी ने राज्यश्री कुमारी के खिलाफ फर्जी दस्तावेज पेश करने का आरोप लगाते हुए धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था।