अजमेर शरीफ दरगाह के अंदर हिंसक झड़प, खादिमों और बरेलवी जायरीनों में जमकर मारपीट
इस झगड़े की शुरुआत दरगाह के अंदर नारेबाजी से हुई जिसके बाद नौबत मारपीट की आ गई। बताया जा रहा है कि बरेलवी जायरीनों के कुछ लोगों ने दरगाह परिसर के अंदर नारेबाजी की इससे दरगाह के खादिम भड़क गए।
अजमेर (राजस्थान): अजमेर की सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह रविवार की शाम को जंग का मैदान बन गई। बरेलवी संप्रदाय के सदस्य और दरगाह के खादिम आपस में भिड़ गए। आरोप है कि बरेलवी संप्रदाय के कुछ लोगों ने दरगाह में नारेबाजी की थी इसका अजमेर दरगाह के खादिमों ने विरोध किया। इसके बाद खादिमों ने दरगाह के परिसर में जन्नती दरवाजा के पास नारेबाजी कर रहे लोगों के साथ मारपीट कर दी। जिसके सामने जो आया वो दूसरे को पीटने लगा। हालात इतने बिगड़ गए कि मामले को शांत कराने में पुलिस के पसीने छूट गए।
जानिए क्या है पूरा मामला
इस झगड़े की शुरुआत अजमेर दरगाह के अंदर नारेबाजी से हुई जिसके बाद नौबत मारपीट की आ गई। बताया जा रहा है कि बरेलवी जायरीनों के कुछ लोगों ने दरगाह परिसर के अंदर नारेबाजी की इससे दरगाह के खादिम भड़क गए। उन्होंने पहले नारेबाजी कर रहे लोगों को मना किया लेकिन जब वो नहीं माने तो फिर पिटाई कर दी और देखते ही देखते पूरी दरगाह जंग का मैदान बन गई। बरेलवी जायरीनों और खादिमों के बीच ये जंग दरगाह के अंदर जन्नती दरवाजा के पास हुई। इसमें दर्जनों लोग घायल हुए। किसी के हाथ में चोट लगी तो कोई सिर पकड़े हुए दिखा।
नारेबाजी के बाद हुआ दरगाह में बवाल
दरगाह के अंदर मारपीट की सूचना पर पहुंची पुलिस ने हालात संभालने की कोशिश की लेकिन लोग एक दूसरे को पीटने के लिए इस कदर आमादा थे कि हालात काबू करने में पुलिस के भी पसीने छूट गए। पुलिस के सामने भी लोग एक दूसरे को पीटते रहे। इस मारपीट के बाद खादिमों की संस्था अंजुमन के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने नारेबाजी पर कड़ी आपत्ति जताई है। वहीं, इस विवाद के पीछे की वजह भी दरगाह के सरवर चिश्ती के उस बयान को माना जा रहा है जिसमें उन्होंने उर्स के दौरान नारेबाजी न करने की हिदायत दी थी।
सरवर चिश्ती और बरेलवी जायरीनों के बीच चल रहा था विवाद
सैयद सरवर चिश्ती ने कहा था, ''दरगाह में हर धर्म जाति के लोग आते हैं लिहाजा यहां किसी भी तरह की नारेबाजी न हो। यहां कुछ संस्था से जुड़े लोग तकरीर के साथ नारेबाजी भी करते हैं जिस वजह से पहले भी माहौल बिगड़ा है। दरगाह में ऐसी कोई हरकत न करें जिससे कि यहां की छवि खराब हो।''
बताया जा रहा है कि उर्स के दौरान दरगाह परिसर में होने वाली तकरीरों में कई उलेमा सलाम और तकरीर पेश करते हैं इनमें बरेलवी उलेमा भी शामिल हैं। इसी पर दरगाह अंजुमन कमेटी के सचिव सैयद सरवर चिश्ती को आपत्ति है। सरवर चिश्ती का यहीं बयान बरेलवी जायरीनों को नागवार गुजरा। बता दें कि कई दिनों ने सरवर चिश्ती और बरेलवी जायरीनों के बीच बयानबाजी जारी थी जिसको लेकर कई दिनों से विवाद चल रहा था जो रविवार शाम जंग में तब्दील हो गया।
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