चुनाव मंच : "खरगे साहब, राहुल जी ने बोला कि माफ करो, भूल जाओ, आगे बढ़ो"-सचिन पालयट का इंडिया टीवी पर खुलासा
सचिन पायलट ने कहा कि कांग्रेस को मजबूत करने की जिम्मेदारी हम सबकी है। जो समय निकल गया, वो वापस आने वाला नहीं है। अब हमें अगली चुनौती का सामना करना है।
जयपुर: कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने आज ये खुलासा किया कि उनसे पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुल खरगे और राहल गांधी ने 6 से 8 महीने पहले कहा था कि "माफ करो, भूल जाओ, आगे बढ़ो, क्योंकि कांग्रेस को राजस्थान में जिताना है और 2024 का लोकसभा चुनाव INDIA गठबंधन के साथ जीतना है। " आज चुरू जिले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राहुल गांधी के साथ जनसभा करने के कुछ ही घंटे बाद सचिन पायलट इंडिया टीवी कॉन्क्लेव 'चुनाव मंच' में आये जहां उन्होंने संभवत: पहली बार गहलोत के साथ पिछले कई साल से चल रही अपनी अनबन पर खुल कर बातें की।
जो समय निकल गया, वो वापस आने वाला नहीं
सचिन पायलट ने कहा-" मुझे 6-8 महीने पहले खरगे साहब और राहुल जी ने बोला था कि माफ करो, भूल जाओ और आगे बढ़ो क्योंकि चुनाव में कांग्रेस को मजबूत बनाना है ताकि देश में एक बेहतर विकल्प हम तैयार कर सकें। कांग्रेस को मजबूत करने की जिम्मेदारी हम सबकी है। जो समय निकल गया, वो वापस आने वाला नहीं है। हमें अगली चुनौती का सामना करना है। पार्टी को जिताना है, ताकि 2024 के चुनाव में INDIA alliance लोकसभा का चुनाव जीत सके। "
मैंने कभी सीमाओं को लांघा नहीं
ये बताये जाने पर कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आपके लिये 'निकम्मा, नाकारा', जैसे शब्दों का प्रयोग किया था, पायलट ने बड़े सधे तरीके से जवाब दिया - " मुंह ने निकले हुए शब्द वापस नहीं आते। मेरी हमेशा ये सोच रही है कि जो शब्द मैं अपने बारे में नहीं कह सकता, वह मैं किसी और के लिए प्रयोग नहीं करूंगा। चाहे मेरा कितना बड़ा विरोधी हो। मैंने अपनी राजनीति में अगर किसी का विरोध किया, तो डट कर किया है और लगातार किया है। लेकिन मैंने कभी सीमाओं को लांघा नहीं है। मैंने हमेशा सार्वजनिक विमर्श में शालीनता को तरजीह दी है, शब्दावली का प्रयोग बहुत चिह्नित करके किया है। आज कल 18 से 20 साल के युवा टीवी और मोबाइल पर देखते हैं, उनको हम क्या इम्प्रेशन देना चाहते हैं ?"
मेरा किसी से कोई व्यक्तिगत अनबन नहीं
क्या गहलोत जी ने कभी आपसे इसके लिए खेद व्यक्त किया, इस सवाल पर सचिन पायलट ने कहा - "उन्होंने मुझे क्या कहा, मैंने उनसे क्या कहा, मैं आपको क्यूं बताऊं? मेरा किसी से कोई व्यक्तिगत अनबन नहीं है और न होनी चाहिए। राजनीति में मुद्दों, सिद्धांतों पर असहमति हो सकती है, लेकिन इसे लेकर किसी के बारे में मन में नकारात्मक सोच रखना, इससे कोई फायदा नहीं होता। मेरा ना किसी से व्यक्तिगत झगड़ था, ना है और ना कभी होगा। "
हम दोबारा सरकार बनाएंगे
ये पूछे जाने पर कि 2020 में जब उनके समर्थक विधायकों ने जो किया था, उसे क्या बगावत कहा जाय, सचिन पायलट ने कहा - "उस समय जो परिस्थितियां थी, उसका संज्ञान आपको शायद नहीं होगा। और मैं इस समय उस पर बोलना भी नहीं चाहता हूं, बोलना भी जरूरी नहीं है। लेकिन उस समय जो परिस्थितियां बनी, अगर और कोई विकल्प होता, तो निश्चित रूप से उसे तलाशता। लेकिन जो परिस्थितियां थी, उसके बारे में आपको जानकारी होगी नहीं, मैं देना भी नहीं चाहता हूं। इसलिए उस चैप्टर को क्लोज़ करें। उसके बाद हम दिल्ली गये थे, उस समय सोनिया जी पार्टी अध्यक्ष थीं। उस समय AICC ने तीन सदस्यीय कमेटी बनाई, जिसमें स्वर्गीय अहमद पटेल, के. सी, वेणुगोपाल और अजय माकन थे। उस कमेटी की सिफारिशों पर जो बदलाव किये गये, उसका लाभ अब पार्टी को मिल रहा है। आज हम मजबूत हैं, हम उस मुकाम पर पहुंचे हैं कि हम दोबारा सरकार बनाएंगे। "
पार्टी में कोई मोलभाव नहीं करता
इस सवाल पर कि पार्टी आलाकमान ने उन्हें सीएम बनाने की बजाय कमेटी बना कर मामले को सुलझा दिया, पायलट का जवाब था - "पार्टी में कोई मोलभाव नहीं करता। जो संगठन के हित में होता है, वही फैसला पार्टी करती है। नेतृत्व जो निर्णय लेता है, वह सबको स्वीकार्य होता है... पद एक ही होता है, वह किसको मिलेगा, नहीं मिलेगा, निर्णय पार्टी करेगी। मैं नहीं मानता कि कांग्रेस का परफॉर्मेंस पहले से खराब होगा, बल्कि बेहतर होगा। जो उम्मीदें बीजेपी लगाकर बैठी है, वो पूरी नहीं होंगी। "