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Hindi News राजस्थान जयपुर में बड़ा ऑपरेशन, ढाई हजार पुलिसवालों ने मारे 350 छापे, 200 अपराधी गिरफ्तार

जयपुर में बड़ा ऑपरेशन, ढाई हजार पुलिसवालों ने मारे 350 छापे, 200 अपराधी गिरफ्तार

कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव और डीसीपी अजयपाल लाम्बा ने नेतृत्व में चलाए गए गोपनीय ऑपरेशन  में जिन 200 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें से कई अपराधी झुंझनु, सीकर, चुरु, भरतपुर, अलवर व शेखावाटी इलाके के है।

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जयपुर. पिंक सिटी के नाम से प्रसिद्ध राजस्थान की राजधानी जयपुर की सुबह आज दिनों से अलग थी। आज जयपुर शहर में पुलिस द्वारा मारे गए ताबड़तोड़ छापों ने अपराधियों की नीद उड़ा दी। दरअसल जयपुर में पुलिस द्वारा अपराधियों को पकड़ने के लिए अबतक का सबसे बड़ा ऑपेशन चलाया गया। सुबह चार बजे शुरू हुए इस ऑपरेशन में 2500 पुलिसकर्मी शामिल थे, जिन्होंने 350 छापे मारकर करीब 200 अपराधियों को गिरफ्तार किया।

जयपुर पुलिस के इस ऑपरेशन में जयपुर के सभी एसपी शामिल थे। इस ऑपरेशन ने जयपुर के सभी इलाकों मे हलचल मचा दी। अपराधियों के जागने से पहले ही पुलिस कई घरों में जा धमकी और वांधित अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया। आपको बता दें कि जयपुर पुलिस द्वारा इस ऑपरेशन में जिनकी गिरफ्तारी की गई है वो वांछित अपराधी हैं यानि किसी न किसी अपराध में लिफ्त हैं। जयपुर पुलिस द्वारा अपराधियों को पकड़ने का ये ऑफरेशन आने वाले त्योहारों से पहले इसलिए चलाया गया ताकि शहर का माहौल खराब न हो।

कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव और डीसीपी अजयपाल लाम्बा ने नेतृत्व में चलाए गए इस गोपनीय ऑपरेशन  में जिन 200 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें से कई अपराधी झुंझनु, सीकर, चुरु, भरतपुर, अलवर व शेखावाटी इलाके के है। पुलिस को गिरफ्तार किए गए अपराधियो के पास से कई हथियार भी मिले हैं। बरामद हथियों में 20 से ज्यादा लेटेस्ट वेपन मिले हैं। इसके अलावा कुछ अपराधियों के पास अवैध जमीन के कब्जे के कागजात व कुछ ऐसे भी अपराधी हैं, जिनके पास से विलुप्त प्रजाती के जानवर मिले है।

ऑपरेशन- शुद्ध के लिए युद्ध
एडिश्नल पुलिस कमिश्नर अजयपाल लांबा ने बताया कि ये ऑपरेशन बेहद गोपनीय रखा गया था। लगभग 2 महीने से इन अपराधियों की रेकी की जा रही थी और खास बात ये है कि हर इलाके मे एक गाइड भेजा गया और उसके पीछे पुलिस की टीम भेजी गयी है। ऑपरेशन के मद्देनजर चारों डीसीपी अलग-अलग इलाकों को मॉनिटर कर रहे थे। इस ऑपरेशन की खास बात ये भी है कि इस ऑपरेशन का नाम 'शुद्द के लिए युद्द' रखा गया था ताकि अपराधियों को अगर भनक भी लगती है तो इस ऑपरेशन को खाने में मिलावट या फिर त्योहारों से पहले मिठाइयों मे मिलावट की जांच करने वाला अभियान समझें।