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Hindi News राजस्थान पहले 'निकम्मा', अब कहा 'दोस्त', पायलट को लेकर असमंजस में गहलोत!

पहले 'निकम्मा', अब कहा 'दोस्त', पायलट को लेकर असमंजस में गहलोत!

एक तरफ पायलट और उनके समर्थकों को अशोक गहलोत दोस्त से संबोधित कर रहे हैं और दूसरी ओर वह उनकी वापसी के बाद अपने समर्थक विधायकों में मायूसी की बात कह रहे हैं।

पहले 'निकम्मा', अब कहा 'दोस्त', पायलट को लेकर असमंजस में गहलोत!- India TV Hindi Image Source : INDIA TV पहले 'निकम्मा', अब कहा 'दोस्त', पायलट को लेकर असमंजस में गहलोत!

जयपुर (राज्सथान): राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सचिन पायलट को कभी 'निकम्मा' बताने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उन्हें अब दोस्त बताया है। अशोक गहलोत ने कहा, "हम साथ काम करेंगे। हमारे दोस्त (पायलट और उनके समर्थक विधायक/नेता), जो चले गए थे, वह लौट आए हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि हम अपने मतभेदों को दूर कर राज्य की सेवा करेंगे और अपने संकल्प को पूरा करेंगे।"

हालांकि, उन्होंने अपने समर्थक विधायकों के मायूस होने बात भी कही। उन्होंने कहा, "मायूस होना हमारे विधायकों के लिए स्वाभाविक है। जिस तरीके से यह पूरा घटनाक्रम हुआ और जिस तरह वह एक महीना रुके (होटल में), उनका मायूस होना स्वाभाविक है। मैंने उन्हें समझाया है कि कभी-कभी हमें राष्ट्र, राज्य और लोगों की सेवा तथा जनतंत्र को बचाने के लिए सहनशील होना पड़ता है।"

ऐसे में एक तरफ पायलट और उनके समर्थकों को अशोक गहलोत दोस्त से संबोधित कर रहे हैं और दूसरी ओर वह उनकी वापसी के बाद अपने समर्थक विधायकों में मायूसी की बात कह रहे हैं। बता दें कि काफी वक्त से सचिन पायलट और उनके समर्थकों की नाराजगी के कारण राजस्थान कांग्रेस पर चिंता के बादल मंडरा रहे थे। हालांकि, अब यह बादल छंटते नजर आ रहे हैं।

बता दें कि मंगलवार को सचिन पायलट ने बिना अशोक गहलोत का नाम लिए कहा था कि लोगों को शब्दों का चयन सोच-समझकर करना चाहिए। उन्होंने कहा, "राजनीति में कभी भी व्यक्तिगत द्वेष, गिलानी या दुर्भावना का कोई स्थान नहीं है। मैंने हमेशा यह कोशिश की है कि राजनीतिक संवाद हो, शब्दों का चयन हो, शब्दावली हो, बहुत सोच-समझकर अपनी बातों को रखना चाहिए।'

पायलट की शिकायतों को दूर करने के लिए कांग्रेस ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में प्रियंका गांधी वाड्रा, वरिष्ठ नेता अहमद पटेल और केसी वेणुगोपाल को रखा गया है। पायलट ने सोमवार को राहुल गांधी से मुलाकात की थी, जिसके बाद यह फैसला लिया गया है।