अशोक गहलोत की कुर्सी पर खतरा? कांग्रेस MLA ने कह दी ये बड़ी बात
गहलोत सरकार के पूर्ववर्ती कार्यकाल में मंत्री रहे भरत सिंह कुंदनपुर कोटा के सांगोद निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने कहा कि जब ‘‘दुकानदार बूढ़ा हो जाता है’’, तो अगली पीढ़ी आगे की सीट ले लेती है जबकि बुजुर्ग दुकानदार नजर रखता है।
जयपुर: कांग्रेस नेता एवं राजस्थान के विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने अपने बयान के जरिए राज्य की राजनीति में फिर हलचल मचा दी है। कुंदनपुर ने बुधवार को कहा कि अगर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सार्वजनिक रूप से घोषणा करते हैं कि वह मुख्यमंत्री पद के दावेदार नहीं हैं और वह युवा नेतृत्व को बढ़ावा देंगे तो राजस्थान में कांग्रेस निश्चित रूप से सत्ता पर काबिज होगी। कांग्रेस की राजस्थान इकाई के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा से मुलाकात के बाद विधायक ने कहा कि उन्होंने युवाओं को मौका देने के लिए चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर गहलोत जी प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाते हैं और खुलकर कहते हैं कि मैं राजस्थान में फिर से कांग्रेस की सरकार देखना चाहता हूं, मैं मुख्यमंत्री पद का दावेदार नहीं हूं और मैं युवाओं को बढ़ावा दूंगा, तो नक्शा बदल जाएगा।’’ कुंदनपुर ने कहा कि लेकिन ‘‘(कुर्सी के प्रति) मोह शराब के नशे से भी बड़ा नशा होता है।’’
पायलट के बाद भरत सिंह कर रहे ताबड़तोड़ हमले
गहलोत सरकार के पूर्ववर्ती कार्यकाल में मंत्री रहे कुंदनपुर कोटा के सांगोद निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया की भ्रष्टाचार में कथित संलिप्तता को लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिख चुके विधायक ने कहा कि वह किसी के खिलाफ या समर्थन में नहीं हैं और केवल वही बोल रहे हैं जो सही है। उनसे पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट द्वारा भी भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाने के बारे में पूछा गया। विधायक ने कहा, ‘‘हम अलग-अलग व्यक्ति हैं। वह इसे अपने तरीके से करते हैं, मैं इसे अपने तरीके से करता हूं।’’ उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस ही है जिसमें उनकी तरह नेता मुद्दों को उठा सकते हैं और पार्टी उनकी बात धैर्यपूर्वक सुनती है। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा से आपको बोलने की वजह से बाहर कर दिया जाएगा।’’
'दुकानदार बूढ़ा हो जाता है, तो अगली पीढ़ी आगे की सीट ले लेती है'
कुंदनपुर ने कहा कि गहलोत को युवाओं और उनके बेटे को आगे आने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब ‘‘दुकानदार बूढ़ा हो जाता है’’, तो अगली पीढ़ी आगे की सीट ले लेती है जबकि बुजुर्ग दुकानदार नजर रखता है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं दृढ़ता से वह कहता हूं जो मुझे सही लगता है। कोई कितना भी बड़ा और ताकतवर क्यों न हो, इसका मतलब यह नहीं कि वह गलतियां नहीं कर सकता। लोग गलतियां करते हैं। बुद्धिमान वह है जो गलती करने के बाद स्वीकार करता है। अगर वह ऐसा नहीं करता, तो यह अहंकार को दर्शाता है।’’
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रंधावा बोले- अगर हमारे घर में बुजुर्ग हैं तो क्या हम...
हालांकि, रंधावा ने बुधवार को कहा कि जीतने की क्षमता टिकट वितरण का मानदंड है और इसके लिए उम्र की कोई अंतिम सीमा नहीं हो सकती। उन्होंने कहा, ''हम जीतने योग्य उम्मीदवारों को टिकट देंगे। अगर हमारे घर में बुजुर्ग हैं तो क्या हम उन्हें यह कहकर बाहर निकाल देते हैं कि वे बूढ़े हो गए हैं इसलिए बाहर चले जाओ।'' अनुभवी नेताओं द्वारा युवाओं को रास्ता देने की आवश्यकता संबंधी कुंदनपुर की टिप्पणी पर रंधावा ने कहा कि ऐसी टिप्पणी करने वालों को एक उदाहरण पेश करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुंदनपुर वरिष्ठ नेता हैं लेकिन आज उनसे मुलाकात के दौरान उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा।
(इनपुट- PTI)