राजस्थान के बारां में हुए बलात्कार पर बोले सीएम अशोक गहलोत, हाथरस की घटना से न हो तुलना
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में पिछले महीने एक युवती के साथ हुए सामूहिक बलात्कार और 15 दिनों तक तड़पने के बाद युवती की मौत पर देश स्तब्ध है।
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में पिछले महीने एक युवती के साथ हुए सामूहिक बलात्कार और 15 दिनों तक तड़पने के बाद युवती की मौत पर देश स्तब्ध है। ऐसी ही एक वारदात राजस्थान के बारां से भी सामने आई है। राजस्थान के बारां में दो युवतियों ने दो युवकों पर बलात्कार करने का आरोप लगाया है। इस बीच इस मुद्दे पर राजनीति भी शुरू हो गई है। राजस्थान में लड़कियों के साथ बलात्कार की खबरों से विपक्ष ने सरकार को निशाने पर लिया है। इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बयान सामने आया है।
अशोक गहलोत ने कहा है कि बारां और हाथरस की घटनों के बीच समानता नहीं खोजनी चाहिए। दोनों मामले अलग हैं। हमने आरोपियों पर कार्रवाई की है।
गहलोत ने कहा हाथरस में हुई घटना बेहद निंदनीय है, उसकी जितनी निंदा की जाए उतनी कम है लेकिन दुर्भाग्य से राजस्थान के बारां में हुई घटना को हाथरस की घटना से कम्पेयर किया जा रहा है जबकि बारां में बालिकाओं ने स्वयं मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए 164 के बयानों में अपने साथ ज्यादती नहीं होने एवं स्वयं की मर्जी से लड़कों के साथ घूमने जाने की बात कही। बालिकाओं का मेडिकल भी करवाया गया एवं अनुसन्धान में सामने आया कि लड़के भी नाबालिग हैं, जांच आगे भी जारी रहेगी। घटना होना एक बात है और कार्यवाही होना दूसरी, घटना हुई तो कार्यवाही भी तत्काल हुई। इस केस को मीडिया का एक वर्ग और विपक्ष हाथरस जैसी वीभत्स घटना से कम्पेयर करके प्रदेश और देश की जनता को गुमराह करने का काम कर रहे हैं।
बारां की घटना की बात करें तो लड़कियों का आरोप है कि युवक उनको झांसा देकर अलग-अलग शहरों में ले गए और बलात्कार करते रहे। युवतियों की शिकायत के बाद पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज किया है। हालांकि पुलिस ने इस केस को लेकर जो जानकारी दी है वह बताती है कि मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए बयान में युवतियों ने सहमति के साथ युवकों के साथ जाने की बात कबूली थी।
पुलिस ने पकड़ कर युवकों को छोड़ा
पुलिस के अनुसार 18 से 21 सितंबर तक आरोपी युवक दोनों नाबालिग लड़कियों को कोटा, जयपुर और अजमेर तक ले गए। जहां दोनों के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया गया। आरोपियों ने नाबालिग लड़कियों को पुलिस के सामने कुछ बोलने पर जान से मारने की धमकी भी दी। इस दौरान लड़कों के पकड़े जाने के बावजूद उन्हें छोड़ दिया गया। वहीं, लड़कियों को सखी केंद्र भेजा गया।