जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विशेष अधिकारी (ओएसडी) लोकेश शर्मा फोन टैपिंग मामले में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के सामने पेश होंगे। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा दर्ज करवाए गए मामले में शर्मा को एक नया सम्मन 17 अक्टूबर को भेजा था। इसमें उनसे मामले में सुनवाई के लिए 22 अक्टूबर (शुक्रवार) को हाजिर होने को कहा गया है। शर्मा ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘अपराध शाखा के नोटिस के अनुसार मैं शुक्रवार को वहां पेश होउंगा।’’
उल्लेखनीय है कि इससे पहले दिल्ली पुलिस ने 19 जुलाई को नोटिस जारी कर शर्मा से 24 जुलाई को रोहिणी के प्रशांत विहार थाने में अपराध शाखा में उपस्थित होने को कहा था। हालांकि शर्मा यह कहते हुए तब हाजिर नहीं हुए कि व्यक्तिगत कारणों से उनका दो सप्ताह तक जयपुर से बाहर जाना संभव नहीं है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि किसी तरह की तात्कालिकता की स्थिति में वह उचित समय पर वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए उपलब्ध रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्री शेखावत ने फोन टैपिंग मामले में शर्मा व अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने और गैरकानूनी तरीके से टेलीग्राफिक सिग्नल (टेलीफोनिक बातचीत) को इंटरसेप्ट करने के आरोप में शिकायत 25 मार्च को दर्ज करवाई थी जिसके आधार पर एक मामला दर्ज किया गया। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 13 जनवरी तक शर्मा के खिलाफ कोई कार्रवाई करने पर रोक लगा रखी है। शर्मा ने फोन टैपिंग में संलिप्तता के आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि उन्होंने तो केवल सोशल मीडिया पर उपलब्ध क्लिप को फारवर्ड किया था ताकि कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने के षड्यंत्र का खुलासा हो।
वहीं विधानसभा में मुख्य सचेतक महेश जोशी ने इन आडियो क्लिप के आधार पर ही राजस्थान पुलिस के विशेष कार्यबल (एसओजी) व भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) में सरकार को अस्थिर करने के षड्यंत्र के संबंध में एफआईआर दर्ज करवाई थीं। कांग्रेस नेताओं के आरोपों के अनुसार ऑडियो क्लिप में कथित तौर पर गजेंद्र सिंह व एक कांग्रेस नेता की बातचीत है। हालांकि एफआईआर में यह नहीं कहा गया है कि गजेंद्र सिंह केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह है।
बता दें कि पिछले साल सचिन पायलट व कांग्रेस के कुछ अन्य विधायकों द्वारा मुख्यमंत्री गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ बगावती तेवर अपनाए जाने के बाद कांग्रेस ने अपने विधायकों को लंबे समय तक अलग अलग होटलों में रखा था। इस दौरान विधायकों के फोन टैप किए जाने के आरोप लगे थे हालांकि अधिकारियों व सरकार की ओर से इसका लगातार खंडन किया गया। इसी दौरान शर्मा द्वारा शेयर की गई आडियो क्लिप सामने आई थी।