जयपुर: राजस्थान विधानसभा चुनावों से पहले एक अहम फैसले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार बिहार की तर्ज पर सूबे में जातिगत जनगणना करवाएगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांग्रेस कोर ग्रुप की जयपुर में चल रही बैठक में सीएम गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार ने जातिगत जनगणना का फैसला कर लिया है। उन्होंने कहा कि यह जनगणना बिहार के पैटर्न पर होगी। वहीं, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि जल्द ही राजस्थान में कांग्रेस की 6 बड़ी जनसभाएं होंगी जिनमें कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी जैसे नेता शिरकत करेंगे।
अशोक गहलोत ने इसलिए खेला ये कार्ड
राजस्थान में जातिगत जनगणना को विधानसभा चुनावों से पहले अशोक गहलोत की तरफ से ट्रंप कार्ड माना जा रहा है। गहलोत ने कहा कि वह बिहार की तर्ज पर जातिगत जनगणना इसलिए करवाना चाहते हैं ताकि लोगों तक योजनाओं का लाभ सही तरीके से पहुंच सके। बता दें कि हाल ही में बिहार में जातीय सर्वेक्षण हुआ है जिसे लेकर पक्ष और विपक्ष में जमकर राजनीति हो रही है। बीजेपी के विरोधी दलों को उम्मीद है कि इस मुद्दे पर केंद्र की सत्ता में बैठी भगवा पार्टी को घेरा जा सकता है। यही वजह है कि बिहार के बाद अब राजस्थान सरकार भी जातिगत जनगणना की बात कर रही है।
दिन में किया था 3 नए जिले बनाने का एलान
इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में 3 और नए जिले बनाने की घोषणा की थी। इन नए जिलों के नाम मालपुरा, सुजानगढ़ एवं कुचामन सिटी हैं। गहलोत ने X पर लिखा,‘जनता की मांग एवं उच्च स्तरीय समिति की अनुशंसा के अनुसार राजस्थान में तीन नए जिले और बनाए जाएंगे: 1.मालपुरा, 2.सुजानगढ़, 3.कुचामन सिटी ।’ इसके साथ ही गहलोत ने कहा कि आगे भी उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों के मुताबिक सीमांकन आदि परेशानियों को दूर किया जाता रहेगा। राज्य में पहले 33 जिले थे। गहलोत ने कुछ माह पहले नए जिले गठित करते हुए इस संख्या को 50 कर दिया। 3 और जिले बनने से राज्य में कुल जिल अब 53 हो जाएंगे।