जोधपुर: CBI की एक अदालत ने 2017 में गैंगस्टर आनंदपाल सिंह के कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में जांच एजेंसी की ‘क्लोजर रिपोर्ट’ बुधवार को खारिज कर दी। कोर्ट ने निर्देश दिया कि घटना में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या और अन्य आरोपों में मामला दर्ज किया जाए। अदालत का यह आदेश आनंदपाल की पत्नी राज कंवर की याचिका पर आया है, जिसमें उन्होंने CBI की ‘क्लोजर रिपोर्ट’ यानी कि मामला बंद करने के अनुरोध को चुनौती दी थी। CBI ने अपनी रिपोर्ट में चूरू के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट, एडिशनल एसपी (कुचामन सिटी) विद्या प्रकाश चौधरी, निरीक्षक सूर्यवीर सिंह और अन्य को क्लीनचिट दे दी थी।
फर्जी मुठभेड़ का शिकार?
बता दें कि गैंगस्टर आनंदपाल सिंह को 24 जून 2017 की रात चुरू के मालासर गांव में कथित मुठभेड़ में मारा गिराया गया था। पुलिस ने दावा किया था कि जिस घर में वह छिपा हुआ था, उसे चारों ओर से घेरने के बाद गैंगस्टर को सरेंडर करने के लिए कहा गया, लेकिन उसने पुलिस पर गोलीबारी शुरू कर दी और मुठभेड़ में मारा गया। वहीं, उसके परिजनों और अन्य लोगों ने इसे फर्जी मुठभेड़ करार देते हुए विरोध प्रदर्शन किया था, जिसके बाद दिसंबर 2017 में राजस्थान सरकार ने मामला CBI को सौंप दिया था। अब इस मामले में पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा चलाया जाएगा।
कौन था आनंदपाल?
आनंदपाल का जन्म राजस्थान के नागौर जिले में हुआ था। उसके पिता का सपना उसे शिक्षक बनाने का था और उसने बीएड की डिग्री भी ली हुई थी। हालांकि सियासत में कदम बढ़ाने की चाह में वह अपराध के दलदल में घुस गया। उसके ऊपर हत्या और वसूली के कई मुकदमे दर्ज थे। अपराध की दुनिया में उसके कद का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सरकार को उसके ऊपर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित करना पड़ा। 24 जून 2017 को राजस्थान के चुरू जिले में हुई एक कथित मुठभेड़ में आनंदपाल की मौत हो गई थी।