जयपुर। उत्तर प्रदेश से लेकर मध्य प्रदेश और दिल्ली से लेकर राजस्थान, इन दिनों कोई नेता नहीं बल्कि बुलडोजर सियासत के केंद्र में बना हुआ है। राजस्थान के अलवर जिले के राजगढ़ में एक 300 साल पुराने मंदिर पर गहलोत सरकार ने बुलडोजर चलवा दिया है। मंदिर जमींदोज करने के दौरान जेसीबी से कुछ मूर्तियां भी खंडित हुई हैं। अब इस मामले पर राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर भारतीय जनता पार्टी ने तीखे हमले शुरू कर दिए हैं।
भारतीय जनता पार्टी के नेशनल आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने कहा है कि हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाना ही कांग्रेस का सेक्युलरिज्म है। मालवीय ने अपने ट्वीट में लिखा, ''राजस्थान के अलवर में विकास के नाम पर तोड़ा गया 300 साल पुराना शिव मंदिर। करौली और जहांगीरपुरी पर आंसू बहाना और हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाना- यही है कांग्रेस का सेक्युलरिज्म।'' इसके बाद एक और ट्वीट में मालवीय ने कहा, ''राजगढ़ से कांग्रेस विधायक जौहरी लाल मीणा द्वारा द्वेष पूर्वक कार्यवाही करावई गयी है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जवाब दें। विधायक मीणा के पुत्र के खिलाफ भी कुछ दिन पूर्व ही बलात्कार का मामला दर्ज हुआ था।''
इसके बाद केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी गहलोत सरकार पर हमला बोलते हुए एक वीडियो ट्वीट किया और लिखा, "राजस्थान की कांग्रेस सरकार उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और दिल्ली में बुलडोजर चलता देखकर अपने वोट बैंक के लिए बुलडोजर चलवा रही है।" अगले ट्वीट नें शेखावत ने लिखा, "अलवर में सदियों पुराने मंदिर गिरा दिए गए, मूर्तियां काट दी गईं क्योंकि कांग्रेस के हाकिमों को लगता है इससे तुष्टिकरण होगा और उनकी सियासत चमकेगी। इस 'बदले की कार्रवाई' से स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस का हाथ किस समुदाय विशेष के साथ है।"
अलवर में 300 साल पुराने मंदिर को ढहाने के मुद्दे पर राजस्थान बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा है कि सरकार को रास्ता निकालकर मंदिर को बचाना चाहिए था। करौली की घटना के बाद सरकार की नीयत साफ नजर आ रही है। कांग्रेस सरकार तुष्टिकरण की राजनीति करके अपने वोट बैंक को खुश करना चाहती है, इसलिए 300 साल पुराने मंदिर को तोड़ दिया गया।
बता दें कि राजस्थान के अलवर जिले के राजगढ़ में बुलडोजर द्वारा तीन हिंदू मंदिरों को गिराने का मामला सामने आया है। सरकारी आदेश पर अतिक्रमण की आड़ में राजगढ़ प्रशासन ने तीन मंदिरों को ढहा दिया। इन्ही में से एक मंदिर 300 साल पुराना था। बुलडोजर चलाने के दौरान मंदिर में लगे शिवलिंग, भगवान हनुमान समेत अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां भी खंडित हो गईं। इसको लेकर स्थानीय लोगों ने जब इसका विरोध किया तो पुलिस ने उन्हें बलपूर्वक हटा दिया।