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Hindi News राजस्थान Ajay Maken: कांग्रेस नेता अजय माकन ने अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच खींचतान का कच्चा चिट्ठा खोल दिया, पढ़िए पूरी डिटेल

Ajay Maken: कांग्रेस नेता अजय माकन ने अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच खींचतान का कच्चा चिट्ठा खोल दिया, पढ़िए पूरी डिटेल

Ajay Maken: अजय माकन बोले कि हमने विधायकों से साफ कहा कि आप जो भी बात कहेंगे उसे हम दिल्ली जाकर बताएंगे। कांग्रेस अध्यक्ष सभी की बात सुनकर हरेक से वन टू वन बात करने को तैयार हैं।

Ajay Maken- India TV Hindi Image Source : FILE Ajay Maken

Highlights

  • धारीवाल के घर बुलाई गई बैठक अनुशासनहीनताः माकन
  • ‘प्रस्ताव एक लाइन का होता है, शर्तों पर नहीं‘

Ajay Maken: राजस्थान में चल रहे सियासी संकट और मुख्यमंत्री पद के लिए चल रही खींचतान के बीच कांग्रेस के नेता अजय माकन ने बड़ा बयान दिया है। उन्ळोंने अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रहे घमासान का पूरा कच्चा चिट्ठा खोल दिया। उन्ळोंने कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे और मैं यानी अजय माकन ऑब्जर्वर के बतौर जयपुर आए। कांग्रेस विधायक दल की बैठक सीएम गहलोत से पूछकर उनकी अनुमति से और सहमति से रखा गया। उन्होंने कहा कि सीएम आवास पर शाम 7 बजे यह मीटिंग रखनी है। दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि जो विधायक नहीं आए, उनको हम लोग लगातार कह रहे हैं कि हम वन टू वन सभी की बात सुनने के लिए तैयार हैं। खड़गे जी और मैं अलग से बैठकर सभी की बात सुनेंगे। उनको ये भी कहा कि अभी कोई फैसला नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि शांति धारीवाल के घर पर बुलाई गई बैठक प्राथमिक दृष्टि से तो यह अनुशासनहीनता है।

कांग्रेस विधायकों ने रखी तीन शर्तें

अजय माकन बोले कि हमने विधायकों से साफ कहा कि आप जो भी बात कहेंगे उसे हम दिल्ली जाकर बताएंगे। कांग्रेस अध्यक्ष सभी की बात सुनकर हरेक से वन टू वन बात करने को तैयार हैं। यह कहने के बाद शांति धारीवाल, डॉ. जोशी और प्रताप खाचरियावास तीनों विधायक उनके प्रतिनिधि बनकर हमारे पास आए। उन्होंने तीन शर्तें रखीं। सबसे पहले विधायकों ने कहा कि बेशक अगर आपको प्रस्ताव पास करना है कांग्रेस अध्यक्ष पर छोड़ने का, तो बेशक करें। उसका फैसला 19 अक्टूबर के बाद होना चाहिए। 
ऐसे में हमने कहा कि अगर अशोक गहलोत खुद कह चुके हैं कि वह कांग्रेस अध्यक्ष के उम्मीदवार हैं। अभी वह राजस्थान में मुख्यमंत्री पद पर अध्यक्ष को फैसला लेने का प्रस्ताव होगा तो अगर गहलोत अध्यक्ष बनते हैं तो वह अपने ही प्रस्ताव पर खुद ही बतौर अध्यक्ष फैसला लेंगे। इससे बड़ा कॉन्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट कुछ नहीं होगा। इसलिए आप इसको मत करिए। इसपर उन्होंने कहा कि आपको पब्लिकली कहना होगा कि बेशक आज प्रस्ताव पास होगा, लेकिन वह 19 अक्टूबर के बाद लागू होगा।

धारीवाल के घर बुलाई गई बैठक अनुशासनहीनताः माकन

माकन ने कहा कि जब हमने कहा कि हर एक से ‘वन टू वनः चर्चा करेंगे तो उन्होंने कहा कि हम समूह में आएंगे। हमने कहा कि कांग्रेस की हमेशा से परंपरा रही है कि हम वन टू वन बात करते हैं। ताकि विधायक स्वतंत्र रूप से अपनी बात कह सकें। तीसरी बात उन्होंने कहा कि 102 विधायक उस वक्त अशोक जी के प्रति वफादार थे। उनमें से ही किसी को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। सचिन पायलट या उनके ग्रुप्स से किसी को नहीं बनाया जाना चाहिए।

तब हमने कहा कि जब हम एक-एक करके सबसे मिलेंगे तब आपकी भावना और एक-एक विधायकों की राय कांग्रेस आलाकमान को बताई जाएगी। उसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष अशोक गहलोत से बात करके निर्णय लेंगी। इसलिए किसी को इस बात की चिंता नहीं करनी चाहिए कि आपकी भावना ऊपर तक नहीं जाएगी। लेकिन वे लोग लगातार आग्रह करते रहे कि ये तीनों बातें रिजोल्यूशन का हिस्सा हो।

‘प्रस्ताव एक लाइन का होता है,  शर्तों पर नहीं‘

माकन ने कहा कि हमने उनसे साफ तौर से कहा कि कांग्रेस के इतिहास में कभी शर्त लगाकर रिजोल्यूशन नहीं होता है। रिजोल्यूशन एक लाइन का होता है और कांग्रेस अध्यक्ष को सारी बातों की जानकारी दी जाती है। जिसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष फैसला लेते हैं। 

कितने विधायकों ने इस्तीफा दिया ये साफ नहींंः अजय माकन

अजय माकन ने यह भी स्पष्ट किया कि अभी यह साफ नहीं है कितने विधायकों ने इस्तीफा दिया है। हमें पूरी उम्मीद है कि कांग्रेस के सभी विधायकों के साथ मिल बैठकर बात करेंगे। इसके बाद आगे का रास्ता निकलेगा। शांति धारीवाल के घर पर विधायकों की मीटिंग बुलाए जाने पर माकन ने कहा कि प्राथमिक रूप से यह अनुशासनहीनता है।