Agneepath Scheme: अग्निपथ योजना के खिलाफ राजस्थान मंत्रिपरिषद ने शनिवार को एक प्रस्ताव पारित किया। साथ ही केंद्र सरकार से अपील की कि वह सेनाओं में युवाओं की शॉर्ट टर्म के लिए संविदा भर्ती की योजना को वापस ले ले। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में सीएम निवास में हुई बैठक में देशभर के युवाओं द्वारा अग्निपथ योजना के विरोध में प्रदर्शन पर चिंता जाहिर की गई। साथ ही मंत्रिपरिषद ने युवाओं से संयम रखते हुए अपनी बात शांतिपूर्ण, अहिंसक एवं लोकतांत्रिक तरीके से रखने की अपील की।
मंत्रिपरिषद की बैठक में क्या कहा गया?
बैठक के बाद जारी बयान के अनुसार मीटिंग में चर्चा की गई कि भारतीय सेना दुनिया की सबसे बहादुर सेना है, जो अपने अदम्य साहस के लिए जानी जाती है। बयान के मुताबिक हमारी सेना का इतिहास गौरवशाली रहा है, जिस पर पूरे देश को गर्व है। बैठक में कहा गया कि भारतीय सेना का आत्मविश्वास और उसकी प्रतिष्ठा बनी रहे, इसके लिए सेना में कुशलता, अनुभव एवं स्थायित्व होना आवश्यक है। सेना में दक्षता बढ़ाने के लिए जरूरी है कि शॉर्ट टर्म के बजाय स्थायी रूप से भर्तियां हों, ताकि उनके अनुभव का लाभ देश को मिल सके।
गहलोत का अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रस्ताव
बयान के मुताबिक बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि सेना सभी संसाधनों से युक्त हो और उसे निरंतर मजबूत किया जाए। साथ ही कहा गया कि राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित किया गया कि व्यापक जनहित एवं युवाओं की भावना को ध्यान में रखते हुए अग्निपथ योजना को वापस लिया जाए।
कोटा में एक महीने के लिए लगी धारा 144
वहीं देश के लगभग 13 राज्यों में जारी हिंसक प्रदर्शन और आगजनी को देखते हुए राजस्थान के कोटा जिले में शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए 18 जुलाई तक के लिए धारा 144 लागू कर दी गई है। कोटा के जिलाधिकारी हरि मोहन मीणा ने एक महीने तक जिले में धारा 144 लगाने के आदेश दिए हैं।