जयपुर: भारतीय जनता पार्टी शासित राजस्थान अपनी OBC लिस्ट में 14 मुस्लिम जातियों की समीक्षा करने पर विचार कर रहा है। राजस्थान की सरकार के एक मंत्री ने OBC रिजर्वेशन पर कलकत्ता हाई कोर्ट के एक हालिया फैसले के बाद इस बारे में बयान दिया है। बता दें कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल की TMC सरकार द्वारा OBC लिस्ट में शामिल 77 जातियों, जिनमें ज्यादातर मुस्लिम हैं, को सूची से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। हालांकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि वह हाई कोर्ट के आदेश को नहीं मानेंगी और कोई भी जाति OBC लिस्ट से बाहर नहीं होगी।
‘बनाई जाएगी उच्च स्तरीय कमेटी’
सूबे की भजनलाल सरकार में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा है कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता समाप्त होने के बाद उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर मुस्लिम जातियों के ओबीसी कोटे की समीक्षा की जाएगी। अविनाश गहलोत ने कहा, ‘मुस्लिम जातियों के ओबीसी आरक्षण की समीक्षा करवाई जाएगी। कांग्रेस ने तुष्टिकरण की राजनीति के तहत अलग-अलग समय पर मुस्लिम जातियों को ओबीसी का आरक्षण दिया। कांग्रेस शासन में ओबीसी की जातियों को अलग-अलग समय में आरक्षण दिया गया था। इनमें से कई जातियां ऐसी है जो हिंदू और मुस्लिम दोनों धर्मों में हैं।’
‘कांग्रेस ने की तुष्टिकरण की सियासत’
गहलोत ने कहा, 'बाबा भीमराव अंबेडकर ने संविधान में प्रावधान किया था कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता है। कांग्रेस ने 1997 से लेकर 2013 के बीच अलग-अलग समय में 14 मुस्लिम जातियों को OBC में शामिल किया था। अब बीजेपी की सरकार इस फैसले की समीक्षा करवाएगी। मुस्लिम जातियों के आरक्षण की समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय कमेटी बनाने को लेकर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। आचार संहिता समाप्त होने के बाद कमेटी गठित कर दी जाएगी।' बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत बीजेपी के तमाम नेता धर्म के आधार पर आरक्षण दिए जाने के खिलाफ हैं।