जयपुर: राजस्थान में जयपुर की एक अदालत ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के इशारे पर भारत में जासूसी कर रहे 3 लोगों को कठोर कारावास की सजा सुनाई है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि इन तीनों पाकिस्तानी नागरिकों पर को जैसलमेर से भारतीय सेना की गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तान भेजने का दोषी पाया गया था। पाकिस्तान के इन तीनों जासूसों के नाम नंदलाल, गौरी शंकर और प्रेमचंद हैं। अदालत ने एक आरोपी को कठोर कारावास के साथ जुर्माने की भी सजा सुनाई है।
’20 अगस्त को गिरफ्तार हुआ था नंदलाल’
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एस सेंगाथिर ने गुरुवार को बताया कि पाकिस्तानी नागरिक नंदलाल पाकिस्तान के वैध पासपोर्ट एवं वीजा पर जोधपुर आया और वहां की खुफिया एजेंसी ‘ISI’ के इशारे पर जैसलमेर पहुंच कर भारतीय सेना की गोपनीय सूचनाएं एकत्रित कर पाकिस्तान भिजवाने लगा। उन्होंने एक बयान में बताया कि अपराध अन्वेषण विभाग (CID) इंटेलिजेंस द्वारा नंदलाल को जासूसी के आरोप में 20 अगस्त 2016 को गोपीनीयता कानून (शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923) व 3/14 विदेशी अधिनियम 1946 में मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया गया।
‘बाद में 2 और जासूसों को किया गया अरेस्ट’
सेंगाथिर ने बताया कि अनुसंधान के दौरान पाया गया कि जासूसी में आरोपी की मदद 2 अन्य पाकिस्तानी नागरिक गौरी शंकर व प्रेमचंद कर रहे थे, जो लंबी अवधि के वीजा पर जोधपुर में रह रहे थे। इन दोनों जासूसों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। सेंगाथिर ने बताया कि जांच के बाद तीनों आरोपियों के विरूद्ध मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट (जयपुर महानगर प्रथम) की अदालत में 16 नवंबर, 2016 को चार्जशीट दाखिल की गई।
जासूसों को कोर्ट ने सुनाई सख्त सजा
पुलिस अधिकारी ने बताया कि अदालत ने सुनवाई के दौरान तीनों आरोपियों को शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 की धारा 3/9 के तहत दोषी पाये जाने पर 7 साल के कठोर कारावास और धारा 10 में आरोपी गौरीशंकर व प्रेम चंद के दोषी सिद्ध होने पर एक साल के कठोर कारावास की सजा सुनायी है। वहीं आरोपी नंदलाल को धारा 3/14 विदेशी अधिनियम 1946 में दोषी पाये जाने पर 2 साल के कठोर कारावास व 10 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया।