कोटा में 2 छात्रों ने फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला की समाप्त, कर रहे थे नीट की तैयारी
कोटा में 2 छात्रों ने तनाव की वजह से आत्महत्या कर ली है। एक छात्र के शव को पुलिस ने पोस्टमॉर्टम करा दिया है जबकि दूसरे छात्र के परिजनों का इंतजार किया जा रहा है। बढ़ रही आत्महत्याओं को लेकर सदन के नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने चिंता व्यक्त की है।
राजस्थान के कोटा में आत्महत्या के आंकड़ें दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं। 27 जून कोटा के एक इलाके में चंद घंटों के अंतराल में दो कोचिंग छात्रों ने खुदखुशी कर ली। इस मामले के सामने आने के बाद पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। आज गमगीन माहौल में दोनों छात्रों के शवों का पोस्टमार्टम करवाया गया। बता दें कि यूपी के जौनपुर निवासी आदित्य (17) ने अपने रूम पर फांसी लगा ली। आदित्य शहर के विज्ञाननगर थाना क्षेत्र में रहता था। वहीं, उदयपुर के सलूंबर का निवासी मेहुल वैष्णव (18) ने हॉस्टल में फांसी लगा ली। स्टूडेंट दो महीने पहले ही कोटा आया था। ये छात्र भी विज्ञाननगर थाना क्षेत्र में ही रहता था। दोनों छात्र डॉक्टर बनने का सपना लेकर कोटा आए थे और दोनों नीट की कोचिंग कर रहे थे। वहीं एक छात्र के परिजनों की मौजूदगी में आज पुलिस ने पोस्टमार्टम करवा दिया है। साथ ही दूसरे छात्र के परिजनों का इंतजार किया जा रहा है।
सीआई देवेश भारद्वाज ने जानकारी देते हुए बताया कि कोचिंग छात्र मेहुल वैष्णव ने छात्रावास में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। कमरे से छात्र का कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। वहीं देर रात को नीट की तैयारी कर रहे एक और यूपी निवासी छात्र आदित्य ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस को छात्र के कमरे से सुसाइड नोट मिला जिसमे उसने अपनी मौत का जिम्मेदार स्वयं को ठहराया है। फिलहाल विज्ञान नगर थाना पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।
7 दिन पहले खुली स्टूडेंट सेल मात्र दिखावा
कोचिंग स्टूडेंट्स को तनाव मुक्त रखने,उनकी मदद करने व आत्महत्या जैसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए शुरू की गई स्टूडेंट सेल भी मात्र दिखावा साबित हो रही है। स्टूडेंट्स सेल के गठन को 7 दिन भी पूरे नहीं हुए कि कोटा में दो कोचिंग छात्रों ने मौत को गले लगा लिया जबकि एक छात्रा की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई। पिछले दिनों एक छात्र को तनाव मुक्त कर आत्महत्या से बचाने के लिए 3 पुलिसकर्मियों को एसपी ने पुरस्कृत भी किया था। बता दें कि सुसाइड के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। मात्र जून के 28 दिन में ही आधा दर्जन कोचिंग छात्रों की मौत हो चुकी है, जिसमें से चार कोचिंग छात्र तनाव के चलते अपनी जान दे चुके हैं।
दावा ये भी किया जा रहा था कि स्टूडेंट सेल का गठन होने के बाद मोबाइल पर भी छात्रों की काउंसलिंग होगी और जरूरी होने पर बच्चों के साथ पुलिस के बड़े अधिकारी समय-समय पर रूबरू होंगे और कोचिंग छात्र-छात्राओं के बीच जमकर दिनचर्या समझकर भावात्मक सवाल किया जाएगा। स्टूडेंट्स सेल की शुरूआत होने के बाद अब कोचिंग छात्र-छात्राओं को तनावमुक्त रखने की यह अच्छी पहल मानी जा गई थी। इसके बावजूद सुसाइड के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है।
नेता प्रतिपक्ष ने व्यक्त की चिंता
इसे लेकर बीजेपी नेता और सदन में नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने चिंता व्यक्त की है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कोटा नगरी आत्महत्याओं की नगरी में तब्दील हो रही है। पुलिस के मुखिया ने कहा था कि इन आत्महत्याओं की वजह जानने की कोशिश करेंगे और उसकी काउंसलिंग करायेंगे लेकिन ऐसा हुआ नही मानसिक संताप से जूझ रहे बच्चो के बारे में सरकार को सोचना चाहिए।