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पंजाब के किसान क्यों दे रहे धरना? सड़क से नाकेबंदी हटाने का किया फैसला

पंजाब में धरना दे रहे किसानों ने नेशनल हाईवे से अपनी नाकेबंदी हटाने का फैसला किया है। धान की खरीद और उठाव की धीमी गति सहित अन्य मुद्दों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।

प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi Image Source : REPRESENTATIVE IMAGE प्रतीकात्मक फोटो

पंजाब में धान की धीमी खरीद के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने रविवार शाम राज्य के चार स्थानों पर नेशनल हाईवे से अपनी नाकेबंदी हटाने का फैसला किया। हालांकि, वे सड़क किनारे अपना धरना जारी रखेंगे। 'किसान मजदूर मोर्चा' के बैनर तले किसानों ने शनिवार को राज्य में कुछ स्थानों पर अनिश्चितकाल के लिए सड़क को जाम कर दिया था। धान की खरीद और उठाव की धीमी गति सहित अन्य मुद्दों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। 

पंजाब के दो मंत्रियों के साथ रविवार को किसानों के प्रतिनिधियों की ढाई घंटे तक बैठक हुई, जिसके बाद आंदोलनकारी किसानों ने चक्का जाम हटाने का ऐलान किया। बैठक में पंजाब के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री लाल चंद कटारूचक और कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुडियां, किसान मजदूर मोर्चा के सरवन सिंह पंधेर, भारतीय किसान यूनियन (डी) के मनजीत सिंह राय और सतनाम सिंह साहनी सहित किसान संगठनों के नेताओं और एडीजीपी (कानून एवं व्यवस्था) एसपीएस परमार, डीआईजी (बॉर्डर रेंज) सतिंदर सिंह और अन्य अधिकारी शामिल हुए।

रणनीति की घोषणा होने तक धरना जारी

किसानों ने बताया कि संगरूर में संगरूर-बठिंडा राजमार्ग पर बदरुखान, मोगा में मोगा-फिरोजपुर राजमार्ग पर डगरू, गुरदासपुर में गुरदासौर-टांडा राजमार्ग पर सतियाली फूल और बटाला रेलवे स्टेशन पर विरोध प्रदर्शन किया गया। फगवाड़ा में किसान पिछले कई दिनों से अमृतसर-दिल्ली नेशनल हाईवे पर धरना दे रहे हैं। पंधेर ने बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में घोषणा की कि रविवार शाम तत्काल प्रभाव से नाकाबंदी हटा ली जाएगी, लेकिन अगली रणनीति की घोषणा होने तक धरना जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी सड़कों के किनारे बैठेंगे और यातायात बाधित नहीं करेंगे।

मांगें पूरी नहीं होने तक धान का कुटान नहीं करने की घोषणा

पंधेर ने यह भी कहा कि पंजाब सरकार ने उन्हें आश्वासन दिया है कि धान उठान की प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी। पंजाब के चावल मिल मालिकों ने मांगें पूरी नहीं होने तक धान का कुटान नहीं करने की घोषणा की है, जिसकी वजह से मंडियों से धान का उठाव प्रभावित हुआ है। पंधेर ने कहा कि सरकार ने कहा है कि चावल मिल मालिकों के साथ मुद्दे सुलझा लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने हाल के दिनों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कम कीमत पर खरीदे गए धान के लिए किसानों को मुआवजा देने का भी आश्वासन दिया है। मंत्री कटारुचक ने बताया कि किसानों ने उनसे कहा कि धान खरीद के शुरुआती दिनों में एमएसपी मानदंडों का उल्लंघन किया गया। (भाषा)

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