चंडीगढ़: शिरोमणि अकाली दल ने मंगलवार को पूर्व सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की पूर्व प्रमुख बीबी जागीर कौर समेत आठ बागी नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया। इन नेताओं ने पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ बगावत की थी। कुछ वरिष्ठ नेताओं द्वारा ‘‘साजिश के तहत’’ की गई ‘‘पार्टी विरोधी गतिविधियों’’ को गंभीरता से लेते हुए, शिअद की अनुशासन समिति ने चंदूमाजरा, कौर और पूर्व विधायक गुरप्रताप सिंह वडाला की प्राथमिक सदस्यता रद्द कर दी है।
इन नेताओं को भी पार्टी से निकाला
पार्टी ने परमिंदर सिंह ढींडसा, सिकंदर सिंह मलूका, सुरजीत सिंह रखड़ा, सुरिंदर सिंह ठेकेदार और चरणजीत सिंह बराड़ को भी पार्टी से निकाल दिया है। अनुशासन समिति का नेतृत्व वरिष्ठ नेता बलविंदर सिंह भुंडर ने किया। इसने कहा कि लंबी चर्चा के बाद समिति ने निष्कर्ष निकाला कि ये नेता अपने कृत्यों से पार्टी की छवि खराब कर रहे हैं।
बादल की मांग रहे थे इस्तीफा
पिछले माह वरिष्ठ नेताओं के एक वर्ग ने बादल के खिलाफ बगावत कर मांग की थी कि पंजाब में लोकसभा चुनावों में शिअद के खराब प्रदर्शन के बाद उन्हें पार्टी प्रमुख के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। बगावत करने वाले प्रमुख नेताओं में पूर्व सांसद चंदूमाजरा, एसजीपीसी (शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी) की पूर्व प्रमुख बीबी जागीर कौर, पूर्व विधायक गुरप्रताप सिंह वडाला, पूर्व मंत्री सिकंदर सिंह मलूका, परमिंदर सिंह ढींडसा, सरवन सिंह फिल्लौर और सुरजीत सिंह रखड़ा तथा पार्टी के नेता सुच्चा सिंह छोटेपुर शामिल थे।
बता दें कि शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल बुधवार को अमृतसर में अकाल तख्त के जत्थेदार के समक्ष पेश हुए और बागी अकाली नेताओं के आरोपों पर अपना स्पष्टीकरण दिया था। जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने 15 जुलाई को शिअद अध्यक्ष को सिखों की सर्वोच्च धार्मिक पीठ अकाल तख्त के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश होने और बागी नेताओं के इन आरोपों पर 15 दिन में लिखित स्पष्टीकरण देने को कहा था कि “वह पंथ की भावनाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।
इनपुट-भाषा