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पंजाब: लिखित सहमति पर अड़े डॉक्टर, 12 सितंबर से ओपीडी पूरी तरह से बंद

पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेज (पीसीएमएस) एसोसिएशन के बैनर तले करीब 2,500 राजकीय चिकित्सक अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांगों में एसीपी योजना को बहाल करना और स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय की मांग शामिल है।

प्रतीकात्मक तस्वीर- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO प्रतीकात्मक तस्वीर

चंडीगढ़: पंजाब में राजकीय चिकित्सकों ने सरकार द्वारा उनकी मांगों पर लिखित आश्वासन नहीं दिए जाने के बाद गुरुवार से बाह्य रोगी विभाग (OPD) सेवाएं पूरी तरह बंद करने की घोषणा की। पंजाब मंत्रिमंडल की उप-समिति के साथ यहां हुई बैठक के बाद प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने बुधवार कहा कि समिति सैद्धांतिक रूप से उनकी सभी मांगों पर सहमत हो गई है, जिसमें सुनिश्चित पदोन्नति योजना (एसीपी) की बहाली भी शामिल है। उन्होंने कहा कि लेकिन उनकी मांगों पर कोई लिखित आश्वासन न मिलने की वजह से डॉक्टरों ने अपने आंदोलन के अगले चरण पर आगे बढ़ने का फैसला किया है।

2,500 डॉक्टर्स कर रहे विरोध प्रदर्शन

पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेज (पीसीएमएस) एसोसिएशन के बैनर तले करीब 2,500 राजकीय चिकित्सक अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांगों में एसीपी योजना को बहाल करना और स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय की मांग शामिल है। पीसीएमएस एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अखिल सरीन ने बताया कि एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने बुधवार को पंजाब मंत्रिमंडल उप-समिति के साथ बैठक की, जिसमें स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह, वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री अमन अरोड़ा और एनआरआई मामलों के मंत्री कुलदीप धालीवाल शामिल थे।

3 दिन के लिए ओपीडी सेवाएं पूरी तरह बंद

डॉ. सरीन ने कहा, ‘‘वे सिद्धांततः हमारी सभी मांगों पर सहमत हो गए।’’ उन्होंने कहा कि जब शाम तक राज्य सरकार द्वारा उनकी मांगों पर कोई आधिकारिक सूचना जारी नहीं की गई तो उन्होंने आंदोलन के अगले चरण पर आगे बढ़ने का निर्णय लिया। उन्होंने बताया कि पीसीएमएस एसोसिएशन ने सभी जिला, उप-मंडल अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 9 से 11 सितंबर तक सुबह 8 बजे से 11 बजे तक तीन घंटे के लिए ओपीडी सेवाएं निलंबित की थीं। डॉ. सरीन ने बताया कि आंदोलन के अगले चरण में चिकित्सक 12 सितंबर से तीन दिन के लिए ओपीडी सेवाएं पूरी तरह बंद रखेंगे। हालांकि, आपातकालीन सेवाएं, पोस्टमार्टम और चिकित्सा कानूनी जांच जारी रहेंगी। (भाषा इनपुट्स के साथ)