रिश्वत कांड में नामजद हुए DIG, स्मगलर को छोड़ने के बदले 10 लाख रुपये की घूस का है केस
पंजाब में सीनीयिर आईपीएस अफसर इंद्रबीर सिंह पर 10 लाख रुपये की रिश्वत के एक मामले में FIR दर्ज की गई है।
![रिश्वत कांड में नामजद हुए DIG, स्मगलर को छोड़ने के बदले 10 लाख रुपये की घूस का है केस DIG Inderbir Singh, DIG Inderbir Singh Bribe, DIG Inderbir Singh Bribe Case- India TV Hindi](https://resize.indiatv.in/resize/newbucket/250_-/2023/06/inderbir-singh-1688131053.webp)
चंडीगढ़: पंजाब में तैनात एक वरिष्ठ IPS ऑफिसर पर घूस लेकर एक संदिग्ध ड्रग स्मगलर को छोड़ने के आरोप में FIR दर्ज की गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सूबे के तरनतारन जिले में पिछले साल संदिग्ध ड्रग स्मगलर को छोड़ने के लिए कथित रूप से 10 लाख रुपये रिश्वत लेने से जुड़े केस में सीनियर IPS अफसर इंद्रबीर सिंह को आरोपी बनाया गया है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अमृतसर रेंज के विजिलेंस ब्यूरो के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वरिंदर सिंह ने कहा कि पुलिस उपमहानिरीक्षक इंद्रबीर सिंह का नाम पिछले साल 30 जून को दर्ज FIR में शामिल किया गया है।
अफीम के साथ पकड़ा गया था स्मगलर
वरिष्ठ पुलिस उपमहानिरीक्षक पर FIR भारतीय दंड संहिता की धारा 213 (आरोपी को दंड से बचाने के लिए उपहार आदि लेना), 214 (आरोपी के मामले की जांच करते हुए उपहार की पेशकश या संपत्ति की बहाली), 120 बी (आपराधिक षड़यंत्र) और स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत दर्ज की गई है। तरनतारन में भिखीविंड पुलिस थाने के पुलिस कर्मियों ने सुरजीत सिंह नाम के व्यक्ति को 900 ग्राम अफीम के साथ पकड़ा था, जिसके बाद ये मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने पिशोरा सिंह नाम के व्यक्ति को भी कथित रूप से 250 ग्राम अफीम के साथ पकड़ा था।
DIG इंद्रबीर सिंह से हुई थी पूछताछ
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने बाद में पुलिस उपाधीक्षक लखबीर सिंह को पिशोरा से FIR में नाम न डालने की एवज में कथित रूप से 10 लाख रुपये की रिश्वत लेने के लिए गिरफ्तार किया था। इस मामले को बाद में आगे की जांच के लिए सतर्कता ब्यूरो को सौंप दिया गया था। सतर्कता ब्यूरो ने जांच के दौरान इस मामले में नाम सामने आने के बाद DIG इंद्रबीर सिंह से भी पूछताछ की थी। बता दें कि पंजाब में ड्रग्स एक बहुत बड़ी समस्या बनकर उभरे हैं और बड़ी संख्या में लोग इसकी लत के शिकार हैं। समस्या की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह चुनावों में एक प्रमुख मुद्दा रहता है। (भाषा)