पंजाब में सरकारी दफ्तरों के खुलने और बंद होने का समय बदला, ये है नया टाइम टेबल
काम की इस अवधि में आधे घंटे का भोजनावकाश नहीं होगा। इसके बावजूद कर्मियों को एक घंटे कम काम करना होगा।
चंडीगढ़/लुधियाना: पंजाब में सरकारी दफ्तरों के खुलने और बंद होने का समय अब बदल गया है। नया टाइम टेबल आज से लागू हुआ है। इसके मुताबिक अगले ढाई महीने तक सरकारी कार्यालय सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे के बजाय सुबह साढ़े सात बजे से दोपहर दो बजे तक खुलेंगे। काम की इस अवधि में आधे घंटे का भोजनावकाश नहीं होगा। इसके बावजूद कर्मियों को एक घंटे कम काम करना होगा। यह नया टाइम टेबल 15 जुलाई तक लागू रहेगा और इससे ढाई महीने के दौरान करीब 40-42 करोड़ रुपये की बचत होगी।
मुख्यमंत्री भगवंत मान अपने कर्मचारियों के साथ सुबह सात बजकर 28 मिनट पर सिविल सचिवालय पहुंचे और इसके बाद मीडिया को संबोधित किया। मान ने कहा कि इस कदम से न केवल बिजली बचाने में मदद मिलेगी बल्कि इसके कई अन्य फायदे भी मिलेंगे। मान ने प्रेस कॉनफ्रेंस में कहा, ‘‘फैसला लागू करने से पहले हमने कर्मचारियों से चर्चा की और लोग इससे सहमत थे।’’ उन्होंने कहा कि इस कदम से बिजली बचाने में मदद मिलेगी ‘‘जो बहुत बड़ा मुद्दा है।’’
कई जगहों पर भारतीय प्रशासनिक सेवा(आईएएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) से लेकर कार्यालय सहायक तक सरकारी कार्यालय में तय समय सुबह साढ़े सात बजे से पहले पहुंच गए थे। कैबिनेट मंत्रियों ने भी नयी समयारिणी का अनुपालन किया और समय से पहले ही अपने कार्यालय पहुंचे।
रोजना 350 मेगावट बिजली की बचत होगी-भगवंत मान
भगवंत मान ने कहा कि जब सरकारी दफ्तर दोपहर दो बजे बंद होंगे और उनमें इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बंद हो जाएंगे तो इसका मतलब होगा कि प्रति दिन करीब 350 मेगावॉट तक कम खपत होगी जिससे बिजली के बिलों पर हर महीने करीब 16-17 करोड़ रुपये बचेंगे। उन्होंने कहा कि इस तरह 15 जुलाई तक कुल 40-42 करोड़ रुपये की बचत होगी। उन्होंने कहा कि बिजली विभाग के अनुसार, बिजली की खपत सबसे ज्यादा अपराह्न डेढ़ बजे से चार बजे तक होती है और कार्यालयों के नए समय से लोड कम होगा। कर्मचारी इस कदम को परिवार के साथ अधिक समय व्यतीत करने के अवसर के तौर पर देख रहे हैं जबकि दूर स्थित कार्यालय जाने वाले कर्मियों ने नयी समयसारिणी को लेकर चिंता जताई है।
एक सरकारी कर्मचारी ने काम के नए घंटों को लेकर थोड़ी चिंता जतायी। नाम न उजागर करने की शर्त पर उन्होंने बताया कि इससे उन्हें अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने में दिक्कत आएगी। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे बच्चों की स्कूल बस आने का समय भी सुबह साढ़े सात बजे है और मुझे साढ़े सात बजे तक दफ्तर पहुंचना होगा।’’ इसके अलावा रोज लंबी दूरी तय कर दूसरे शहर स्थित अपने कार्यालय जाने वाली महिलाओं समेत कुछ कर्मचारियों ने कहा कि समय में बदलाव से काफी मुश्किल होगा।
लुधियाना में कार्यालयों के समय में बदलाव को लेकर कर्मचारियों और आम लोगों की मिली जुली प्रतिक्रिया रही। कुछ महिला कर्मियों ने नयी समय सारिणी से परेशानी होने की शिकायत की। लुधियाना स्थित मिनी सचिवालय में कार्य करने वाली महिला कर्मी ने कहा, ‘‘हम सभी को बच्चों की देखभाल करनी होती है, कार्यालय आने से पहले उन्हें स्कूल के लिए तैयार करना होता है और घर के अन्य काम होते हैं।’’ उन्होंने कहा कि इस बदलाव से व्यस्तता बढ़ गई है क्योंकि उसी समय कार्यालय भी आना होगा और बच्चों को स्कूल भी भेजना होगा। दूसरे शहरों में तैनात कर्मियों ने भी सुबह-सुबह कार्यालय जाने में परेशानी होने की शिकायत की। उन्होंने कहा कि वे जालधंर रहते हैं और लुधियाना में तैनात हैं उन्हें नए समय पर कार्यालय आने के लिए सुबह पांच बजे घर से निकलना होगा। (इनपुट-भाषा)