पंजाब में नहीं दिखा 'भारत बंद' का असर, खुली रहीं दुकानें
भारत बंद का असर कई राज्यों में दिखने को मिला, जबकि पंजाब में इसका कोई खास असर नहीं दिखा। कई पार्टियां इसके समर्थन में उतरीं।
अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (SC/ST) के आरक्षण में क्रीमी लेयर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर कुछ दलित और आदिवासी समूहों द्वारा आहूत एक दिवसीय भारत बंद का बुधवार को पंजाब में कोई खास असर नहीं दिखाई दिया। हालांकि, कुछ स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हुए। आवश्यक सेवाओं को बंद के दायरे से बाहर रखा गया था वहीं, सार्वजनिक परिवहन सेवाएं सामान्य रूप से संचालित रहीं। साथ ही दुकानें भी खुली रहीं।
शैक्षणिक संस्थान बंद रहा
पुलिस ने बताया कि पंजाब में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गई है। पंजाब के फगवाड़ा में बाजार और व्यापारिक प्रतिष्ठान सामान्य रूप से खुले रहे। हालांकि, कुछ शैक्षणिक संस्थानों को एहतियात के तौर पर बंद रखा गया। अनुसूचित जाति के लोगों के कल्याण के लिए काम करने वाले कुछ संगठनों के कार्यकर्ताओं ने गुरु हरगोबिंद नगर में आंबेडकर पार्क से फगवाड़ा में NH- 44 के एक 'ओवरब्रिज' के 'अंडरपास' तक विरोध मार्च निकाला और वहां धरना दिया।
जालंधर में निकला विरोध मार्च
जालंधर में भी विरोध मार्च निकाला गया। लुधियाना में दुकानें और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान एवं स्कूल सामान्य रूप से खुले रहे। होशियारपुर जिले में स्थिति काफी हद तक सामान्य रही और सभी शैक्षणिक संस्थान एवं व्यापारिक प्रतिष्ठान खुले रहे। बहुजन समाज पार्टी और कुछ दलित संगठनों के कार्यकर्ताओं ने स्थानीय बस अड्डे के पास विरोध प्रदर्शन किया।
हरियाणा में भी बंद का नहीं दिखा असर
वहीं, हरियाणा के हिसार में दलित समुदाय के कुछ लोगों ने क्रांतिमान पार्क से मिनी सचिवालय तक विरोध मार्च निकाला। अंबाला में बंद का कोई खास असर नहीं दिखा। एससी/एसटी के आरक्षण में क्रीमी लेयर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में 21 संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया था। इन संगठनों ने इस फैसले का यह कहते हुए विरोध किया कि इससे आरक्षण के मूल सिद्धांतों को नुकसान पहुंचेगा। (इनपुट- भाषा)
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