पंजाब में करीब 67 हजार वोटर्स ने दबाया NOTA का बटन, किस सीट पर सबसे ज्यादा और कहां सबसे कम, जानें
Lok Sabha Election results 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान पंजाब में करीब 67 हजार मतदाताओं ने NOTA का विकल्प चुना। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक 67,158 मतदाताओं ने इनमें से कोई नहीं विकल्प चुना।
चंडीगढ़: लोकसभा चुनाव के दौरान पंजाब में करीब 67 हजार मतदाताओं ने नोटा (इनमें से कोई नहीं) का विकल्प चुना। राज्य में कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 13 में से सात सीट पर जीत दर्ज की है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक 67,158 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना जो कुल पड़े मतों का 0.49 प्रतिशत है। फतेहगढ़ आरक्षित सीट पर सबसे अधिक 9188 मतदाताओं ने मैदान में उतरे सभी उम्मीदवारों को खारिज कर दिया।
किस सीट पर कितने नोटा वोट पड़े
- फतेहगढ़: 9188
- पटियाला: 6,681
- आनंदपुर साहिब: 6,402
- फिरोजपुर: 6,100
- होशियारपुर: 5,552
- लुधियाना: 5,076
- बठिंडा: 4,933
- जालंधर: 4,743
- फरीदकोट: 4,143
- संगरूर: 3,830
- अमृतसर: 3,714
- खडूर साहिब: 3,452
- गुरदासपुर: 3, 354
कांग्रेस ने किया शानदार प्रदर्शन
बता दें कि पंजाब में कांग्रेस ने सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप), विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एवं शिरोमणि अकाली दल (शिअद) को करारा झटका देते हुए पंजाब की 13 लोकसभा सीटों में से सात पर जीत हासिल की, जबकि दो निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी आश्चर्यजनक जीत दर्ज की। आप ने तीन सीट पर जीत दर्ज की जबकि सुखबीर सिंह बादल नीत शिअद को एक सीट मिली है। वहीं पंजाब में भाजपा खाता भी नहीं खोल सकी।
पंजााब विधानसभा चुनाव में 2022 में आम आदमी पार्टी के हाथों मिली अपमानजनक हार के बाद काग्रेस ने पंजाब के राजनीतिक फलक पर वापसी करते हुए प्रदेश की सात सीट पर जीत हासिल की है। इस चुनाव में प्रमुख विजेताओं में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग, कांग्रेस उम्मीदवार सुखजिंदर सिंह रंधावा, शिअद नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल तथा आम आदमी पार्टी के गुरमीत सिंह हेयर शामिल हैं । प्रदेश के खडूर साहिब लोकसभा सीट से चरमपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी तथा कांग्रेस उम्मीदवार कुलबीर सिंह जीरा को 1.97 लाख मतों के अंतर से पराजित कर दिया। जीत का यह अंतर प्रदेश के सभी 13 सीट पर सबसे अधिक है। एक अन्य निर्दलीय उम्मीदवार सरबजीत सिंह खालसा ने फरीदकोट सीट पर जीत हासिल की है। खालसा, पूर्व दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के दो हत्यारों में से एक का बेटा है।
अमृतपाल सिंह राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है और वह ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन का प्रमुख है। चुनाव नतीजों में हार का सामना करने वालों में चार बार की सांसद और भाजपा उम्मीदवार परनीत कौर, भाजपा के रवनीत सिंह बिट्टू, सुशील रिंकू, हंस राज हंस, तरनजीत सिंह संधू, अनीता सोम प्रकाश, परमपाल कौर सिद्धू, शिअद (अमृतसर) सिमरनजीत सिंह मान, कांग्रेस के सुखपाल सिंह खैरा और शिअद के प्रेम सिंह चंदूमाजरा तथा दलजीत सिंह चीमा शामिल हैं। पंजाब में इस बार बहुकोंणीय मुकाबला था। ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल कांग्रेस एवं आम आदमी पार्टी ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था जबकि भाजपा और शिरोमणि अकाली दल भी 1996 के बाद पहली बार एक दूसरे के सामने खड़े थे। (इनपुट-भाषा)