पंजाब: दिल्ली में शराब पॉलिसी को लेकर उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद पंजाब में भी शराब नीति की जांच करने की मांग तेज हो गई। जांच की मांग के तेज होने पर पंजाब एक्साइज विभाग ने शराब नीति के ऑनलाइन फार्म को अपनी वेबसाइट से रिमूव कर दिया।
दिल्ली की तर्ज पर बनी थी पंजाब की शराब नीति
बता दें कि पंजाब की शराब नीति दिल्ली की आबकारी नीति की तर्ज पर तैयार की गई थी। नवीनीकरण के लिए पहले ऑनलाइन फार्म जारी किया गया और फिर मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के एक दिन बाद ही इसे रद्द कर दिया गया।फॉर्म में 2023-2024 के लिए खुदरा (शराब) लाइसेंस के रिन्यूअल के लिए, नवीनीकरण के लिए चेकलिस्ट, फॉर्म-एम-75 और पंजाब नशीले पदार्थों के लाइसेंस और बिक्री आदेश, 1956 के आदेश 7 के तहत शपथ पत्र शामिल थे। जबकि प्रपत्रों में लाइसेंस के रिन्युअल के लिए कोई शर्तों का उल्लेख नहीं किया गया था।
विपक्षी पार्टियां लगा रही लगातार आरोप
दिल्ली की तर्ज पर पंजाब में भी शराब पॉलिसी में बड़ा घोटाला होने का आरोप लगातार राज्य की विपक्षी पार्टियों द्वारा लगाया जा रहा है। इसको लेकर सीबीआई जांच की मांग की जा रही है, जिसके बाद रातों-रात एक्साइज विभाग की सरकारी वेबसाइट से शराब नीति के ऑनलाइन फार्म को हटा लिया गया है।
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