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पंजाब के कई जिलों में फिर से बढ़ी इंटरनेट पर लगे बैन की तारीख, जानें अपने शहर का हाल

किसानों के दिल्ली चलो मार्च को लेकर तनाव का माहौल जारी है। इस बीच सरकार की ओर से कई इलाकों में इंटरनेट पर बैन लगा दिया गया है। वहीं इंटरनेट पर लगे बैन को एक बार फिर से बढ़ा दिया गया है।

पंजाब के कई जिलों में फिर से बढ़ा इंटरनेट पर लगा बैन।- India TV Hindi Image Source : REPRESENTATIVE IMAGE पंजाब के कई जिलों में फिर से बढ़ा इंटरनेट पर लगा बैन।

चंडीगढ़: केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर पंजाब के कई जिलों में इंटरनेट पर लगा बैन फिर से बढ़ा दिया गया है। जारी किए गए नए निर्देशों के अनुसार पटियाला, संगरूर और फतेहगढ़ साहिब समेत पंजाब के कुछ जिलों के चुनिंदा इलाकों में इंटरनेट सेवाओं पर लागू प्रतिबंध 24 फरवरी तक बढ़ा दिया गया है। इससे पहले किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च के मद्देनजर 12 फरवरी से 16 फरवरी तक पंजाब के इन जिलों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई थीं। 

पहले 16 फरवरी तक तक बंद था इंटरनेट

केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से 16 फरवरी को जारी आदेश के मुताबिक पटियाला के शंभू, जुल्कान, पासियां, पातरन, शत्राना, समाना, घनौर, देवीगढ़ और बलभेरा पुलिस थानों के अंतर्गत आने वाले इलाकों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहेंगी। इसके अलावा मोहाली में लालरू पुलिस थाना क्षेत्र, बठिंडा में संगत पुलिस थाना क्षेत्र, मुक्तसर में किल्लियांवाली पुलिस थाना क्षेत्र, मानसा में सरदुलगढ़ और बोहा पुलिस थाना क्षेत्र तथा संगरूर में खनौरी, मूनक, लेहरा, सुनाम और छाजली पुलिस थाना क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लागू किया गया है। केंद्र सरकार ने पंजाब के इन क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगाने के लिए 1885 के टेलीग्राफ अधिनियम के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया।

पंजाब में किसानों का प्रदर्शन जारी

वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 15 फरवरी को चंडीगढ़ में तीन केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच हुई बैठक के दौरान चुनिंदा क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाओं के निलंबन के संबंध में मुद्दा उठाया था। हरियाणा सरकार ने भी अंबाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं और ‘एसएमएस’ भेजने से जुड़ी सेवाओं को निलंबित कर दिया है। बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा अपनी मांगों को स्वीकार कराने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के वास्ते 'दिल्ली चलो' आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं। किसान संगठन न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग कर रहे हैं। 

(इनपुट- भाषा)

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