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पंजाब के बठिंडा में किसानों ने नायब तहसीलदार और इंस्पेक्टर को बनाया बंधक, छुड़ाने गई पुलिस पर हमला

नायब तहसीलदार और इंस्पेक्टर को किसानों ने घेराव कर उन्हें बंधक बना लिया। भीड़ को वहां से हटाने पहुंची पुलिस पर भी हमला हुआ। इनमें एक पुलिसकर्मी घायल हो गया है।

किसानों ने किया पुलिस पर हमला- India TV Hindi Image Source : INDIA TV किसानों ने किया पुलिस पर हमला

बठिंडा: पंजाब के बठिंडा में किसानों ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया। हमले में एक एएसआई घायल हो गया है। पुलिसकर्मी को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। जानकारी के अनुसार, भारतीय किसान एकता उग्रहा से जुड़े किसानों ने तेजधार हथियारों से एएसआई पर हमला कर दिया। पुलिस ने बताया गांव रायके कला में धान की बोली लगने के दौरान किसान यूनियन ने नायब तहसीलदार और इंस्पेक्टर का घेराव किया। 

बंधक बने अधिकारियों को छुड़ाने गई थी पुलिस

डीएसपी हरबंस सिंह धालीवाल ने बताया कि धान खरीद प्रक्रिया के दौरान सोमवार को बठिंडा के रायके कलां गांव में किसान संगठनों के सदस्यों ने पंजाब पुलिस की एक टीम पर हमला कर दिया। डीएसपी  ने पुष्टि की कि एक इंस्पेक्टर और एक नायब तहसीलदार को किसानों ने कुछ देर के लिए बंधक बना लिया। हमले में एएसआई घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। 

किसानों ने इंस्पेक्टर और नायब तहसीलदार का घेराव किया

डीएसपी धालीवाल ने कहा कि रायके कलां गांव में धान खरीद के दौरान किसान यूनियन ने इंस्पेक्टर और नायब तहसीलदार का घेराव किया। जब हमारी पुलिस पार्टी पहुंची तो उन्होंने हमारे अधिकारियों को रिहा करने का अनुरोध किया, लेकिन किसान यूनियन नहीं मानी। जब पुलिस दल ने उन्हें छुड़ाने की कोशिश की, तो उन्होंने (किसान संघ) उन पर हमला कर दिया। हमारा एक अधिकारी घायल हो गया। हमारे वाहनों में तोड़फोड़ की गई। तहसीलदार और इंस्पेक्टर को मुक्त कर दिया गया। 

लाठियों, कृपाण और छुरी से हमला

धालीवाल ने कहा कि एएसआई रैंक के पुलिस अधिकारी पर जान से मारने की नियत से हमला किया गया। उन्हें चोटें आई हैं। उन पर लाठियों, कृपाण और छुरी से हमला किया गया। हम कानून के मुताबिक कार्रवाई करेंगे। 

इस घटना पर बीजेपी मुख्यमंत्री भगवंत मान के प्रशासन पर इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया। तरुण चुघ ने कहा कि अप्रभावी धान खरीद प्रक्रिया पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार की प्रशासनिक अक्षमता को उजागर करती है। चुघ के अनुसार, केंद्र ने खरीद के लिए 41,000 करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन किया था, फिर भी राज्य की मशीनरी ध्वस्त हो गई, जिससे किसानों के लिए संकट पैदा हो गया।

रिपोर्ट- बबल गर्ग