पंजाब एक बार फिर बाढ़ की चपेट में है। इस बीच, सेना और एनडीआरएफ के दलों ने गुरुवार को पंजाब के कपूरथला जिले में बाढ़ग्रस्त गांवों से लगभग 300 लोगों को बचाया। कपूरथला के उपायुक्त करनैल सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल यानी NDRF और सेना की छह टीम ने बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने के लिए छह नौकाएं लगाईं और निकाले गए सभी लोगों को राहत शिविरों में भेज दिया गया है। भाखड़ा बांध से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने की वजह ब्यास नदी में आई बाढ़ के चलते कुल 22 गांव प्रभावित हुए हैं।
इन जिलों के कुछ हिस्से जलमग्न
उन्होंने उम्मीद जताई कि शुक्रवार तक स्थिति में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि कुछ बाढ़ प्रभावित लोग अपने खेतों की देखभाल के लिए 'धूसी बंधों' (तटबंधों) के अंदर 'डेरों' में रह रहे हैं, जबकि लगभग 40 लोग अपने टूटे हुए घरों और अपने मवेशियों को छोड़ने के अनिच्छुक हैं। इस सप्ताह पोंग और भाखड़ा बांधों से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने के बाद होशियारपुर, गुरदासपुर, रूपनगर और कपूरथला जिलों के कुछ हिस्से जलमग्न हो गए। गुरदासपुर जिले के कुछ प्रभावित इलाकों में बचाव और राहत कार्य में सेना और एनडीआरएफ की टीम भी मदद कर रही हैं।
सीएम मान ने स्थिति का लिया जायजा
अधिकारियों ने कहा कि जिले में चिकित्सा दलों को नावों से घरों में भेजा गया है, ताकि तीन दिन से अपने घरों में फंसे उन लोगों की जांच की जा सके और जो बाहर नहीं जाना चाहते हैं। इस बीच, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने स्थिति का जायजा लेने के लिए नाव से होशियारपुर जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया। मान ने कहा कि राज्य सरकार के हेलीकॉप्टर सहित पूरी सरकारी मशीनरी संकट की इस घड़ी में लोगों की सेवा में है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य में बाढ़ के कारण लोगों को हुए नुकसान का पता लगाने के लिए पहले ही विशेष गिरदावरी का आदेश दे दिया है।
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