चंडीगढ़: BJP के नेता अमरिंदर सिंह ने पंजाब में धान की ‘धीमी’ खरीद को लेकर शुक्रवार को सीएम भगवंत सिंह मान को आड़े हाथ लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि मंडियों में किसानों की परेशानी से सीएम मान ने मुंह मोड़ लिया है। सूबे के पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह ने खन्ना की अनाज मंडी का दौरा किया जहां किसान धान की कथित तौर पर धीमी खरीद की शिकायत कर रहे हैं। अमरिंदर सिंह ने सूबे की AAP सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि बाजार में बड़े पैमाने पर फसल बिक्री के लिए आ रही है लेकिन मंडियों से धान का उठान नहीं हो रहा है।
‘AAP की सरकार को क्यों समस्या हो रही है?’
BJP नेता सिंह ने दावा किया कि जब वह मुख्यमंत्री थे तब कभी किसानों को फसल खरीद में समस्या का सामना नहीं करना पड़ा। इस मौके पर उनके साथ बीजेपी नेता फतेह जंग बाजवा भी मौजूद थे। उन्होंने कहा,‘हमने धान और गेंहू के उठान में किसी समस्या का सामना नहीं किया। ऐसे में AAP की सरकार को क्यों समस्या हो रही है? केंद्र में जब BJP की सरकार थी तब मैं कांग्रेस का मुख्यमंत्री था।’ पंजाब में धान की PR-126 किस्म की कम पैदावार के सवाल पर सिंह ने पूछा कि किसानों से किसने इस खास किस्म की बुआई करने को कहा था।
‘किसानों ने मान के कहने पर (PR-126 की बुआई की’
कैप्टन अमरिंदर ने कहा, ‘किसानों ने मान के कहने पर इस किस्म (PR-126) की बुआई की। क्या उन्होंने अब तक पंजाब की किसी मंडी का दौरा किया है? किसी किस्म का सुझाव देने से पहले 2-3 बार उसकी जांच अहम होती है। यह उनका (मान का) कर्तव्य है कि वह दिल्ली जाएं। अगर FCI से समस्या है तो उन्हें कृषि मंत्री से मिलना चाहिए, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से मिलना चाहिए। यह मेरा कर्तव्य है या उनका?’ AAP सरकार द्वारा किसानों की परेशानी के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराने पर सिंह ने कहा,‘क्यों केंद्र ऐसा करना चाहेगा? वह फसल का उठान करना चाहता है। यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि धान की सही से खरीद सुनिश्चित करे।’
‘मैं केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की अपील करूंगा’
सिंह ने बाद में ‘X’ पर कहा, ‘आज खन्ना धान मंडी का दौरा कर अपने मेहनती किसानों, आढ़तियों और मजदूरों से मुलाकात की। दुर्भाग्य से वे पंजाब की आप सरकार की सुस्त धान खरीद योजना की वजह से परेशानी का सामना कर रहे हैं। मैंने किसानों और आढ़तियों को आश्वस्त किया कि मैं केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की अपील करूंगा ताकि सुचारु धान खरीद सुनिश्चित की जा सके। मिल मालिकों ने उनकी मांग पूरी नहीं होने तक मंडियों से धान का उठान करने से इनकार कर दिया जिसकी वजह से किसानों को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।’ (भाषा)