लोकसभा चुनाव 2024 से पहले पंजाब की राजनीति में बड़ा फेरबदल सामने आ सकता है। माना जा रहा है कि अकाली दल की एक बार फिर से एनडीए में वापसी हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक, अकाली दल और भाजपा के नेताओं के बीच गठबंधन और लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को लेकर बातचीत चल रही है। बता दें कि देश में अप्रैल-मई महीने के बीच लोकसभा चुनाव का आयोजन किया जा सकता है।
भाजपा चाहती है ज्यादा सीटें
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, लोकसभा चुनाव में भाजपा पंजाब में ज्यादा सीटें चाहती है। दोनों पार्टियों के बीच पहले के फॉर्मूले पर बातचीत नहीं हो रही है। नए फॉर्मूले के तहत बीजेपी लोकसभा में ज्यादा सीट चाहती है। अगर दोनों दलों के बीच सीट शेयरिंग की बातचीत बन जाती है तो जल्द ही पार्टी नेताओं द्वारा गठबंधन को लेकर आधिकारिक ऐलान कर दिया जाएगा।
क्यों एनडीए से अलग हुई थी अकाली दल?
पंजाब में प्रभावी सर्व शिरोमणि अकाली दल 1997 से लेकर सितंबर 2020 तक भाजपा की पुरानी सहयोगी पार्टी रही है। हालांकि, साल 2020 में तीन कृषि कानूनों के विरोध में हरसिमरत कौर बादल ने केंद्र सरकार के मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके कुछ दिनों बाद ही दोनों पार्टियों के रास्ते अलग हो गए थे। बाद में कृषि कानूनों को वापस ले लिया गया। दोनों दलों ने पंजाब विधानसभा चुनाव भी अलग-अलग ही लड़ा था।
RLD, TDP भी संपर्क में
दूसरी ओर लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर जयंत चौधरी की RLD भी भाजपा के संपर्क में है। माना जा रहा है कि दोनों दलों के बीच सीट शेयरिंग के मुद्दे पर बातचीत हुई है और वे साथ में चुनाव लड़ सकते हैं। इसके अलावा आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू भी भाजपा के साथ संपर्क में हैं। माना जा रहा है कि भाजपा और तेलुगु देशम पार्टी एक बार फिर से साथ मिलकर चुनाव लड़ सकते हैं। खबर है कि दोनों पार्टियों के बीच सीट शेयरिंग पर भी चर्चा लगातार जारी है।
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