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Hindi News पंजाब चंडीगढ़ में बनाए गए 117 मतगणना केंद्र, मतगणना प्रक्रिया की निगरानी के लिए कुल 64 पर्यवेक्षक तैनात

चंडीगढ़ में बनाए गए 117 मतगणना केंद्र, मतगणना प्रक्रिया की निगरानी के लिए कुल 64 पर्यवेक्षक तैनात

निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार बठिंडा में सबसे अधिक 69.36 प्रतिशत और अमृतसर में सबसे कम 56.06 प्रतिशत मतदान हुआ। प्रमुख चेहरों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार एवं चार बार की सांसद परनीत कौर पटियाला संसदीय क्षेत्र से फिर से मैदान में हैं।

Representative Image- India TV Hindi Image Source : PTI प्रतीकात्मक तस्वीर

पंजाब की 13 और चंडीगढ़ की एक लोकसभा सीट के लिए मतगणना मंगलवार को 24 स्थानों पर स्थापित किए गए 117 केंद्रों पर होगी। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं और मतगणना सुबह आठ बजे शुरू होगी। मतगणना प्रक्रिया की निगरानी के लिए कुल 64 पर्यवेक्षकों को तैनात किया गया है। पंजाब में शनिवार को हुए मतदान में 62.80 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जो 2019 की तुलना में लगभग तीन प्रतिशत कम है। 

निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार बठिंडा में सबसे अधिक 69.36 प्रतिशत और अमृतसर में सबसे कम 56.06 प्रतिशत मतदान हुआ। प्रमुख चेहरों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार एवं चार बार की सांसद परनीत कौर पटियाला संसदीय क्षेत्र से फिर से मैदान में हैं। तीन बार की सांसद हरसिमरत कौर बादल और भाजपा उम्मीदवार एवं पूर्व आईएएस अधिकारी परमपाल कौर सिद्धू बठिंडा से अपनी किस्मत आजमा रही हैं। जालंधर (सुरक्षित) सीट से पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के उम्मीदवार चरणजीत सिंह चन्नी और भाजपा प्रत्याशी सुशील रिंकू मैदान में हैं। 

पहली बार भाजपा और शिरोमणि अकाली दल अलग-अलग चुनाव लड़े

कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग लुधियाना से भाजपा के रवनीत सिंह बिट्टू के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। सुखजिंदर सिंह रंधावा गुरदासपुर से मैदान में हैं। पूर्व राजनयिक एवं भाजपा उम्मीदवार तरणजीत सिंह संधू अमृतसर से निवर्तमान सांसद एवं कांग्रेस उम्मीदवार गुरजीत सिंह औजला को टक्कर दे रहे हैं। इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) के घटक दल कांग्रेस और आप पंजाब में अलग-अलग लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि भाजपा और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने 1996 के बाद पहली बार अपने-अपने दम पर चुनाव लड़ा। 

खडूर साहिब लोकसभा सीट पर सबकी नजर

सुखबीर बादल के नेतृत्व वाला शिअद तीन कृषि कानूनों (जो अब रद्द हो चुके हैं) को लेकर 2020 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग हो गया था। खडूर साहिब लोकसभा सीट पर भी सबकी नजर है। राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद कट्टरपंथी सिख उपदेशक अमृतपाल सिंह इस सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। आप के 13 उम्मीदवारों में पांच कैबिनेट मंत्री भी मैदान में हैं जिनमें कुलदीप सिंह धालीवाल (अमृतसर), लालजीत सिंह भुल्लर (खडूर साहिब), गुरमीत सिंह खुड्डियां (बठिंडा), गुरमीत सिंह मीत हेयर (संगरूर) और बलबीर सिंह (पटियाला) शामिल हैं। 

इंदिरा गांधी के हत्यारे का बेटा भी उम्मीदवार

कांग्रेस उम्मीदवार सुखपाल खैरा संगरूर से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि आप के करमजीत सिंह अनमोल और भाजपा के हंस राज हंस फरीदकोट सीट से मैदान में हैं। शिअद (अमृतसर) प्रमुख सिमरनजीत सिंह मान संगरूर से और दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के दो हत्यारों में से एक बेअंत सिंह के बेटे सरबजीत सिंह खालसा फरीदकोट (सुरक्षित) निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। चंडीगढ़ में भाजपा उम्मीदवार संजय टंडन का मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी से है।

64 पर्यवेक्षक करेंगे देखरेख

पंजाब के सीईओ ने कहा, “विभिन्न राज्यों के अखिल भारतीय सेवाओं और सिविल सेवा संवर्गों से चुने गए कुल 64 मतगणना पर्यवेक्षक मतगणना प्रक्रिया की देखरेख करेंगे।” उन्होंने एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा कि इन अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया है कि मतों की गिनती पारदर्शी, प्रभावी तरीके से तथा भारत निर्वाचन आयोग के दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करते हुए की जाए। सिबिन सी.ने बताया कि राज्य में 48 भवनों और 27 स्थानों पर कुल 117 मतगणना केंद्र स्थापित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इनमें से अधिकतर स्थान जिला मुख्यालयों में स्थित हैं, सात स्थान जिला मुख्यालयों के बाहर हैं - ये अजनाला, बाबा बकाला, अबोहर, मलोट, धूरी, छोकरा राहों-नवां शहर, और खूनी माजरा (खरार) हैं। 

स्ट्रांग रूम में डबल लॉक

सीईओ ने कहा कि इन मतगणना केंद्रों के स्ट्रांग रूम में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने कहा, “ये स्ट्रांग रूम डबल लॉक सिस्टम से सुरक्षित हैं और इनकी लगातार सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है।” पंजाब के सीईओ ने कहा कि राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि और अधिकृत कर्मचारी प्रत्येक स्ट्रांग रूम के बाहर लगाई गई एलईडी स्क्रीन के माध्यम से सुरक्षा की निगरानी कर सकते हैं, जिसमें आसपास के क्षेत्र का लाइव फुटेज दिखाया जाता है।