जीएसटी काउंसिल की 9 सितंबर को होने वाली अहम मीटिंग से पहले जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने पर मंत्रियों के समूह (जीओएम) की आज एक बैठक होने जा रही है। 7 राज्यों के मंत्रियों के इस ग्रुप की ये पहली मीटिंग होगी। इस मीटिंग के संयोजक बिहार के उप-मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी हैं। इसमें शामिल होने वाले अन्य सदस्यों में पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य, कर्नाटक के राजस्व मंत्री कृष्णा बायरे गौड़ा, केरल के वित्त मंत्री के. एन. बालगोपाल, उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, गोवा के परिवहन मंत्री मौविन गोडिन्हो, राजस्थान के चिकित्सक एवं स्वास्थ्य सेवा मंत्री गजेंद्र सिंह हैं।
जीएसटी काउंसिल ने जून में मंत्रियों के ग्रुप को सौंपा था काम
आज होने वाली मंत्रियों की मीटिंग में अभी तक की प्रगति और भविष्य की कार्रवाई पर गौर किया जाएगा। जीएसटी काउंसिल ने जून में अपनी पिछली मीटिंग में मंत्रियों के ग्रुप को जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने के लिए उठाए गए कदमों का एक मसौदा रिपोर्ट देने का काम सौंपा था। इसमें कमेटी द्वारा अभी तक किए गए काम की स्थिति और पेंडिंग काम शामिल होंगे। मंत्रियों के ग्रुप को अपेक्षित दर युक्तिकरण और उलटे शुल्क ढांचे में सुधार के सुझाव देने का काम सौंपा गया है, जिसका मकसद जीएसटी दरों के ढांचे को आसान बनाना, जीएसटी छूट वाली लिस्ट की समीक्षा करना और जीएसटी से रेवेन्यू बढ़ाना है।
फिलहाल जीएसटी सिस्टम में 5 अलग टैक्स स्लैब
मौजूदा जीएसटी सिस्टम में 0, 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की 5 अलग-अलग टैक्स स्लैब हैं। विलासिता (लग्जरी) और अवगुण (तंबाकू, मादक पेय आदि) से जुड़ी चीजों पर सबसे ज्यादा 28 प्रतिशत जीएसटी के अलावा सेस यानी उपकर लगाया जाता है। जीएसटी काउंसिल 9 सितंबर को अपनी 54वीं मीटिंग में जीएसटी रेट को युक्तिसंगत बनाने के लिए आगे की रणनीति पर चर्चा करेगी। केंद्र और राज्यों के वित्त मंत्रियों वाली जीएसटी काउंसिल, जीएसटी के संबंध में सबसे बड़े फैसले लेने वाली संस्था है। ये 1 जुलाई, 2017 से काम कर रही है।
Latest Business News