Tax बचाने का सबसे तगड़ा और कानूनी तरीका, ELSS और NPS समेत ये सेविंग स्कीम्स करेंगी मदद
ईएलएसएस (इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम्स) फंड, म्यूचुअल फंड की एक कैटेगरी है। ईएलएसएस फंड्स 3 साल के लॉक-इन पीरियड के साथ आते हैं। इन फंड्स पर आप 1.25 लाख रुपये तक का टैक्स बचा सकते हैं।
Tax saving Tips: इस बात में कोई दो राय नहीं है कि हमारी कमाई का एक बड़ा हिस्सा टैक्स चुकाने में निकल जाता है। भारत में फिलहाल दो अलग-अलग टैक्स व्यवस्था के नियमों से टैक्स वसूला जा रहा है। पुरानी टैक्स व्यवस्था में 2.5 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स-फ्री है। 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये पर 5%, 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये पर 20% और 10 लाख रुपये से ज्यादा कमाई पर 30% प्रतिशत टैक्स चुकाना होता है।
नई टैक्स व्यवस्था में कैसा है टैक्स स्लैब
वहीं दूसरी ओर, नई टैक्स व्यवस्था में 3 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स-फ्री है। 3 लाख रुपये से 7 लाख रुपये पर 5%, 7 लाख रुपये से 10 लाख रुपये पर 10% और 10 लाख रुपये से 12 लाख रुपये पर 15%, 12 लाख रुपये से 15 लाख रुपये पर 20% और 15 लाख रुपये से ज्यादा कमाई पर 30% प्रतिशत टैक्स चुकाना होता है। हालांकि, देश में ऐसे कई नियम हैं, जिनके जरिए टैक्स बचाया जा सकता है। आज हम यहां कुछ ऐसी ही बचत और निवेश योजनाओं के बारे में जानेंगे, जहां पैसे लगाकर काफी टैक्स बचाया जा सकता है।
ELSS Funds
ईएलएसएस (इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम्स) फंड, म्यूचुअल फंड की एक कैटेगरी है। ईएलएसएस फंड्स 3 साल के लॉक-इन पीरियड के साथ आते हैं। इन फंड्स पर आप 1.25 लाख रुपये तक का टैक्स बचा सकते हैं। बताते चलें कि ईएलएसएस फंड्स ने पिछले 5 साल में करीब 19.39 प्रतिशत का रिटर्न दिया है।
NPS
एनपीएस (नेशनल पेंशन सिस्टम) एक लॉन्ग टर्म पेंशन स्कीम है, जिसमें रिटायरमेंट तक पैसे डालने होते हैं। स्कीम मैच्यॉर होने के बाद आपके कुल कॉर्पस का एक हिस्सा एकमुश्त राशि के रूप में मिल जाता है और एक हिस्सा पेंशन फंड में चला जाता है। इस स्कीम में टैक्स बचाने के 3 अलग-अलग तरीके हैं। सबसे पहले इसमें 1.5 लाख रुपये तक के कॉन्ट्रिब्यूशन पर सेक्शन 80C के तहत छूट मिलती है। फिर, सेक्शन 80CCD(1B) के तहत, 50 हजार रुपये तक के एडिशनल डिडक्शन का लाभ उठाया जा सकता है और तीसरे फायदे के तहत, बेसिक सैलरी में कंपनी के 10 प्रतिशत योगदान को टैक्स-फ्री रखा गया है। अगर आप नई टैक्स व्यवस्था चुनते हैं तो ये लिमिट 14 प्रतिशत हो जाती है। एनपीएस ने पिछले 5 साल में 7.5 से 16.9% तक का रिटर्न दिया है।
Retirement Mutual Funds
रिटायरमेंट म्यूचुअल फंड्स, म्यूचुअल फंड की एक कैटेगरी है। ये 5 साल के लॉक-इन पीरियड के साथ आते हैं। रिटायरमेंट म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर काफी टैक्स बचाया जा सकता है। बताते चलें कि रिटायरमेंट म्यूचुअल फंड्स ने पिछले 5 साल में 9 से 19 प्रतिशत तक का रिटर्न दिया है।
ULIP
यूलिप (यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान), एक शानदार स्कीम है। इसमें आपके निवेश का एक हिस्सा शेयर बाजार में जाता है जबकि बाकी का एक हिस्सा इंश्योरेंस प्लान में चला जाता है। यूलिप से होने वाली कमाई सेक्शन 10(10D) के तहत पूरी तरह से टैक्स-फ्री होती है। हालांकि, इसके लिए लाइफ कवर आपके सालाना प्रीमियम का कम से कम 10 गुना होना चाहिए। ये स्कीम भी 5 साल के लॉक-इन पीरियड के साथ आती है। इसने पिछले 5 साल में 7 से 18 प्रतिशत तक का रिटर्न दिया है।