Income Tax बचाने के लिए अपनाएं ये असरदार तरीके, टैक्स छूट का मिलेगा पूरा लाभ
Income Tax में कई ऐसी धाराएं मौजूद हैं, जिनकी मदद से आप आसानी से अपना टैक्स का बोझ कम कर सकते हैं।
इनकम टैक्स के तहत कई प्रकार की टैक्स छूट टैक्सपेयर्स को सरकार की ओर से दी जाती है। इसका फायदा उठाकर आप आसानी से अपने टैक्स बोझ को कम कर सकते हैं। मौजूदा समय में टैक्स छूट का फायदा केवल पुरानी टैक्स रिजीम के तहत ही मिलता है। आज हम इस आर्टिकल में उन टैक्स छूट के बारे में बताने जा रहे हैं,जो कि कम पॉपुलर है और इनका फायदा उठाकर आसानी से टैक्स बचा सकते हैं।
प्री-नर्सरी के लिए टैक्स छूट
अगर आपका बच्चा प्लेग्रुप और नर्सरी में पढ़ता है तो उसकी दी हुई फीस पर टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं। इसे 2015 में सरकार द्वारा शुरू किया गया था। इस छूट का फायदा अधिकतम दो बच्चों पर ही लिया जा सकता है। ये धारा 80C के तहत आता है, जिसमें अधिकतम 1.50 लाख रुपये की टैक्स छूट क्लेम की जा सकती है।
स्टांप ड्यूटी
घर खरीदने के दौरान दी जाने स्टांप ड्यूटी पर भी आप टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं। ये उन लोगों के लिए फायदेमंद होती है, जिन्होंने घर खरीदा हो। स्टांप ड्यूटी पर दी जाने वाली छूट इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत आती है और एक वित्त वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख रुपये की ही टैक्स छूट ले सकते हैं।
माता-पिता को ब्याज भुगतान पर छूट
अगर आप अपने माता-पिता से घर खरीदने के लिए लोन लिया हुआ है तो आप उसके ब्याज भुगतान पर टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं। इनकम टैक्स की धारा 24B के तहत ब्याज दर भुगतान पर टैक्स छूट दी जाती है। यह एक वित्त वर्ष में अधिकतम 2 लाख रुपये तक हो सकती है।
माता-पिता को किराया का भुगतान
अगर आप अपने माता-पिता के घर में रहते हैं और उनको किराए के रूप में भुगतान करते हैं तो आप आसानी से एचआरए का फायदा उठा सकते हैं। इनकम टैक्स की धारा 10(13A) के तहत इसका फायदा मिलता है।
हेल्थ इंश्योरेंस पर छूट
अगर आपने अपने परिवार और माता-पिता के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लिया हुआ है तो आप इनकम टैक्स की धारा 80D के तहत टैक्स छूट के पात्र हैं। इसके तहत आप एक वित्त वर्ष में अधिकतम 75000 रुपये की टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं।
माता-पिता का इलाज
अगर आपके माता-पिता 60 वर्ष से ऊपर के है तो आसानी से आप उनकी दवाइयों आदि होने वाले खर्च में आप टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं। इसमें इनकम टैक्स की धारा 80D का फायदा मिलता है और अधिकतम 50,000 रुपये की छूट दी जाती है।