वित्त मंत्रालय ने जीएसटीआर-1ए फॉर्म को नोटिफाई कर दिया है। इससे करदाताओं को बाहरी सप्लाई या बिक्री रिटर्न फॉर्म में संशोधन का विकल्प मिलेगा। जीएसटी परिषद ने पिछले महीने करदाताओं को टैक्स अवधि के लिए जीएसटीआर-1 फॉर्म में डिटेल संशोधित करने और/या अतिरिक्त विवरण घोषित करने की सुविधा देने के लिए जीएसटीआर-1ए फॉर्म के जरिये एक नई वैकल्पिक सुविधा प्रदान करने की सिफारिश की थी। भाषा की खबर के मुताबिक हालांकि, उक्त टैक्स अवधि के लिए जीएसटीआर-3बी में रिटर्न दाखिल करने से पहले जीएसटीआर-1ए दाखिल करना होगा।
सुव्यवस्थित अनुपालन प्रक्रिया मजबूत होगी
खबर के मुताबिक, वित्त मंत्रालय ने 10 जुलाई को जीएसटीआर-1ए फॉर्म अधिसूचित किया। कारोबारी सलाहकार कंपनी मूर सिंघी के कार्यकारी निदेशक रजत मोहन ने कहा कि केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने जीएसटीआर-1ए फॉर्म की वैकल्पिक सुविधा के साथ जीएसटी अनुपालन ढांचे में महत्वपूर्ण वृद्धि की है।
उन्होंने कहा कि समय पर सुधार की सुविधा प्रदान करके, फॉर्म जीएसटीआर-1ए यह सुनिश्चित करता है कि सही कर देयता फॉर्म जीएसटीआर-3बी में स्वतः भर जाए, जिससे गलतियां कम होंगी और एक सुव्यवस्थित अनुपालन प्रक्रिया को बढ़ावा मिलेगा।
त्रुटियों को रोकने में मदद मिलेगी
केपीएमजी के अप्रत्यक्ष कर प्रमुख और पार्टनर अभिषेक जैन ने कहा कि जीएसटीआर-1 में सुधार की अनुमति देने के लिए प्रावधान करना एक स्वागत योग्य कदम है। इससे व्यवसायों के लिए जीएसटीआर-1 और जीएसटीआर-3बी के बीच रेगुलर मिलान पर होने वाले अवांछित विवादों (खासकर अनजाने में होने वाली त्रुटियों) को रोकने में मदद मिलेगी। पांच करोड़ रुपये तक के वार्षिक कारोबार वाले टैक्सपेयर तिमाही के आखिरी के 13वें दिन के भीतर जीएसटीआर-1 दाखिल कर सकते हैं, जबकि जीएसटीआर-3बी अगले महीने के 22वें और 24वें दिन के बीच दाखिल किया जाता है।
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