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Hindi News पैसा टैक्स शिरडी साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट को मिलते हैं गुमनाम दान, अब इस पर टैक्स को लेकर आया ये अपडेट

शिरडी साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट को मिलते हैं गुमनाम दान, अब इस पर टैक्स को लेकर आया ये अपडेट

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के मुताबिक, साल 2019 तक, ट्रस्ट को कुल 400 करोड़ रुपये से अधिक का दान मिला, लेकिन धार्मिक मकसदों के लिए सिर्फ 2.30 करोड़ रुपये खर्च किए गए।

श्री साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट ने दावा किया कि उसके पास धर्मार्थ और धार्मिक दोनों दायित्व हैं।- India TV Paisa Image Source : INDIA TV श्री साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट ने दावा किया कि उसके पास धर्मार्थ और धार्मिक दोनों दायित्व हैं।

महाराष्ट्र के शिरडी में प्रसिद्ध मंदिर का प्रबंधन करने वाला श्री साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट के लिए अच्छी खबर है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह माना कि ट्र्स्ट गुमनाम दान पर टैक्स छूट पाने के लिए पात्र है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह एक धार्मिक और धर्मार्थ ट्रस्ट दोनों है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, बीते मंगलवार को जस्टिस गिरीश कुलकर्णी और सोमशेखर सुंदरेसन की खंडपीठ ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा दायर एक अपील को खारिज कर दिया, जिसमें आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के अक्टूबर 2023 के फैसले को चुनौती दी गई थी। इसमें कहा गया था कि चूंकि ट्रस्ट एक धर्मार्थ और धार्मिक निकाय दोनों है, इसलिए यह अपने गुमनाम दान पर आयकर से छूट के लिए पात्र है।

संस्था एक धार्मिक और धर्मार्थ ट्रस्ट दोनों है

खबर के मुताबिक, बॉम्बे हाई कोर्ट ने न्यायाधिकरण से सहमति व्यक्त की और कहा कि संस्था एक धार्मिक और धर्मार्थ ट्रस्ट दोनों है और इसलिए इस तरह के निकाय द्वारा हासिल कोई भी गुमनाम दान टैक्स से छूट के लाभ के लिए पात्र/हकदार होगा। श्री साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट पश्चिमी महाराष्ट्र के अहिल्यानगर जिले के शिरडी में श्री साईंबाबा समाधि मंदिर और उसके कैम्पस में स्थित दूसरे सभी मंदिरों का शासी और प्रशासनिक निकाय है। आयकर अधिनियम की धारा 115बीबीसी(1) के तहत, एक धर्मार्थ संस्था गुमनाम दान पर कर का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी थी।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का दावा

बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि हमारा स्पष्ट मत है कि करदाता (संस्था) निश्चित रूप से एक धार्मिक और धर्मार्थ ट्रस्ट है। इसलिए, टैक्सपेयर ने टैक्स छूट के लिए सही और वैध तरीके से अधिकार का दावा किया है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के मुताबिक, साल 2019 तक, ट्रस्ट को कुल 400 करोड़ रुपये से अधिक का दान मिला, लेकिन धार्मिक मकसदों के लिए सिर्फ 2.30 करोड़ रुपये खर्च किए गए। जबकि प्रमुख व्यय शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों और चिकित्सा सुविधाओं के लिए हैं, जो दर्शाता है कि यह सिर्फ एक धर्मार्थ ट्रस्ट है, इसने तर्क दिया।

ट्रस्ट को खूब मिले गुमनाम दान

श्री साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट ने दावा किया कि उसके पास धर्मार्थ और धार्मिक दोनों दायित्व हैं, इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि यह पूरी तरह से एक धर्मार्थ ट्रस्ट है। आयकर विभाग (इनकम टैक्स डिपार्टमेंट) के टैक्स निर्धारण अधिकारी के मुताबिक, साल 2015 से 2019 के बीच ट्रस्ट को गुमनाम दान के रूप में भारी मात्रा में धन हासिल हुआ। डिपार्टमेंट ने कहा कि इस राशि को टैक्स से छूट नहीं दी जा सकती।

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