PM Modi Interview : पीएम ने Tax भरने वालों को दिया टास्क, विकसित भारत में इस तरह दे सकते हैं योगदान
PM Modi Interview : पीएम ने बताया कि 10 साल में आईटीआर फाइल करने वालों की संख्या दोगुने से अधिक हो गई है। टैक्स कलेक्शन भी तीन गुना बढ़ गया है।
PM Modi Interview : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूज एजेंसी एएनआई को आम चुनाव 2024 से पहले एक इंटरव्यू दिया है। इस इंटरव्यू में पीएम ने इलेक्टोरल बॉन्ड, ईडी की कार्रवाई, बीजेपी के मिशन साउथ सहित कई दूसरे मद्दों के साथ ही टैक्सपेयर्स पर भी बात की। पीएम मोदी ने भारी टैक्स कलेक्शन (Tax Collection) के लिए टैक्सपेयर्स को धन्यवाद दिया। साथ ही उन्होंने टैक्सपेयर्स को एक टास्क भी दिया है। पीएम ने बताया कि पिछले 10 वर्षों में टैक्स कलेक्शन 3 गुना बढ़ गया है। आइए जानते हैं कि पीएम ने क्या कहा।
3 गुना बढ़ गया टैक्स कलेक्शन
पीएम मोदी ने इंटरव्यू में कहा, 'पिछले 10 साल में आईटीआर फाइल करने वालों की संख्या दोगुने से अधिक हो गई है। पहले 4 करोड़ से कम लोग आईटीआर फाइल करते थे। अब 8 करोड़ से ज्यादा लोग आईटीआर फाइल करते हैं। टैक्स कलेक्शन भी तीन गुना बढ़ गया है। पहले नेट टैक्स कलेक्शन 11 लाख करोड़ था। आज नेट टैक्स कलेक्शन 34 लाख करोड़ रुपये हो गया है। यह क्यों हो रहा है? क्योंकि उसको भरोसा है। वह जो पैसा दे रहा है सही जगह दे रहा है। विकास के काम में जाएगा। चोरी लूटपाट में नहीं जाएगा। विश्वास के कारण वह देने के लिए आगे आ रहा है।'
टैक्सपेयर्स पर बोझ कम हो
पीएम ने आगे कहा, '7 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स माफ है। पहले यह 2-2.5 लाख पर अटका था। फिर भी मेरे यहां टैक्स बढ़ रहा है। इसलिए मैं हर टैक्सपेयर को धन्यवाद देता हूं। क्योंकि वह जो पैसा दे रहे हैं, वह देश के विकास में खर्च हो रहा है। मेरा जो विजन है, देश के लिए वह इसी पैसे से पूरा हो रहा है। जो मुझे सपने पूरे करने हैं, उसमें टैक्सपेयर का बड़ा योगदान है। उसी से सब होने वाला है। मैं मानता हूं कि करदाताओं की संख्या बढ़नी चाहिए और करदाताओं का बोझ कम हो। इस मूलभूत फिलॉसफी के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं।'
विकसित भारत के लिए करदाता क्या कर सकता है?
पीएम ने इंटरव्यू में कहा, 'मैं करदाताओं से एक प्रार्थना भी करूंगा कि आप कम से कम 3 लोग जो टैक्स नहीं देते हैं, उनकों प्रेरित करें कि वे टैक्स दें। लोगों को समझाना होगा कि मैं गरीब का घर बना रहा हूं। टैक्स का पैसा किसी ना किसी गरीब के काम आएगा। उसका पुण्य सबको जाएगा। कोई टैक्सपेयर सोचे कि मैंने टैक्स दिया था जिससे एक भूखा बच्चा खाना खा रहा है। मैं टैक्सपेयर का धन जनकल्याण में लगा रहा हूं, ताकि देने वाले को संतोष हो कि मेरे पैसों से कोई खाना खा रहा है। गरीब के घर की थाली के संतोष का पुण्य का हकदार टैक्सपेयर भी है।'