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Hindi News पैसा टैक्स Infosys के सपोर्ट में आया NASSCOM, जीएसटी डिपार्टमेंट की समझ पर उठाए सवाल

Infosys के सपोर्ट में आया NASSCOM, जीएसटी डिपार्टमेंट की समझ पर उठाए सवाल

जीएसटी डिपार्टमेंट द्वारा 32,403 करोड़ रुपये का नोटिस भेजे जाने के मामले में नैसकॉम अब इंफोसिस के समर्थन में उतर गया है। नैसकॉम ने जीएसटी डिपार्टमेंट की समझ पर सवाल खड़े किए हैं।

जीएसटी डिपार्टमेंट ने देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस को 32,403 करोड़ रुपये का नोटिस भेजा - India TV Paisa Image Source : REUTERS जीएसटी डिपार्टमेंट ने देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस को 32,403 करोड़ रुपये का नोटिस भेजा है।

जीएसटी डिपार्टमेंट ने देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस को 32,403 करोड़ रुपये का नोटिस भेजा है। इस पूरे मामले में आईटी कंपनियों का संगठन नैसकॉम खुलकर इंफोसिस के समर्थन में सामने आया है। नैसकॉम ने इंफोसिस जीएसटी नोटिस भेजे जाने पर कहा कि ये कदम इंडस्ट्री के ऑपरेशन मॉडल से जुड़ी समझ की कमी को दिखाता है। नैसकॉम ने एक स्टेटमेंट में इंफोसिस का नाम लिए बगैर कहा, ‘‘320 अरब रुपये से ज्यादा की जीएसटी डिमांड की हालिया मीडिया रिपोर्ट इंडस्ट्री के ऑपरेशन मॉडल के बारे में समझ की कमी को दर्शाती है।’’

जीएसटी नोटिस पर क्या बोली कंपनी 

जीएसटी डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने साल 2017 से शुरू होने वाले 5 सालों के लिए इंफोसिस को अपनी विदेशी ब्रांच से मिली सर्विसेज़ के एवज में 32,403 करोड़ रुपये का नोटिस भेजा है। हालांकि, इंफोसिस ने इसे ‘पूर्व-कारण बताओ’ नोटिस बताते हुए कहा है कि उसके हिसाब से इन खर्चों पर जीएसटी लागू नहीं होता है। इस मामले में नैसकॉम ने इसपर जोर दिया है कि अनुपालन दायित्वों का कई व्याख्याओं के अधीन न होना अहम है।

नैसकॉम ने कारोबारी सुगमता की जरूरत पर दिया जोर

नैसकॉम ने इस बात पर अफसोस जताया और कहा कि कई कंपनियां इंवेस्टर्स और ग्राहकों की ओर से टाले जा सकने वाले मुकदमे, अनिश्चितता और चिंताओं का सामना कर रही हैं। संगठन ने कहा कि सर्विस एक्सपोर्ट में तेजी लाना ‘विकसित भारत’ की महत्वाकांक्षा और भारत में ग्लोबल टेक्नोलॉजी इंवेस्टमेंट आकर्षित करने के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है। उसने कहा, ‘‘इसके लिए एक मददगार नीतिगत परिवेश और कारोबारी सुगमता की जरूरत है। जीएसटी काउंसिल की सिफारिशों पर जारी होने वाले सरकारी सर्कुलर को प्रवर्तन व्यवस्था में सम्मान दिया जाना चाहिए ताकि नोटिस अनिश्चितता पैदा न करें और भारत की कारोबारी सुगमता पर बुरा असर न पड़े।’’

इंफोसिस को कर्नाटक जीएसटी डिपार्टमेंट से मिला नोटिस

इंफोसिस ने बुधवार को कहा था कि कर्नाटक जीएसटी डिपार्टमेंट ने उनके विदेशी ब्रांच ऑफिस द्वारा किए गए खर्चों पर जुलाई, 2017 से मार्च, 2022 की अवधि के लिए 32,403 करोड़ रुपये के जीएसटी भुगतान का नोटिस जारी किया है। कंपनी ने कारण बताओ नोटिस का जवाब दिया है। कंपनी को इसी मामले पर जीएसटी आसूचना के महानिदेशक से भी कारण बताओ नोटिस मिला है और कंपनी इसका जवाब देने की प्रक्रिया में है। कंपनी ने दलील दी है कि नियमों के हिसाब से विदेशी ब्रांच वाली यूनिट्स के खर्चों पर जीएसटी लागू नहीं होता है। 

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