How to save Income Tax : इनकम टैक्स बचाना चाहते हैं? जान लें ये 6 आसान तरीके, काफी बच जाएंगे पैसे
Income Tax Saving Tips: जनवरी फरवरी और मार्च ये तीन ऐसे महीने हैं, जब लोग अपना इनकम टैक्स बचाने के लिए टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स खोजते हैं। अगर आपने पुराना टैक्स रिजीम चुना है, तो आप इन इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करके अच्छा-खासा टैक्स बचा सकते हैं।
Income Tax Saving Tips : जैसे-जैसे मार्च का महीना पास आता है, लोग टैक्स सेविंग के लिए हाथ-पैर मारने लग जाते हैं। क्योंकि 31 मार्च वित्त वर्ष का आखिरी दिन होता है। इस तारीख से पहले टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करके लोग अपना इनकम टैक्स बचाना चाहते हैं। अगर आप भी ऐसा ही कुछ सोच रहे हैं और कुछ सूझ नहीं रहा, तो परेशान न होइए। हम यहां आपको 6 ऐसे आसान टिप्स देने जा रहे हैं, जिससे आपको टैक्स बचाने में मदद मिलेगी।
1. टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स
हर वित्त वर्ष में आप टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स (Tax-saving instruments) में निवेश करके सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक अपनी टैक्सेबल इनकम कम कर सकते हैं। अगर आप पुराना टैक्स रिजीम चुनते हैं, तो वहां आपको इस डिडक्शन का फायदा मिलेगा। लेकिन अगर आप नया टैक्स रिजीम चुनते हैं, तो वहां आपको इस डिडक्शन का फायदा नहीं मिलेगा। सेक्शन 80सी के तहत टैक्स छूट के फायदे के साथ आने वाले कुछ टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट्स निम्न हैं:
कर्मचारी भविष्य निधि (EPF)
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)
एफडी (5 या उससे अधिक वर्षों की अवधि वाली)
लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी
ELSS म्यूचुअल फंड
नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) और अन्य पेंशन योजनाएं
2. सैलरी स्ट्रक्चर में उपयुक्त कंपोनेंट्स का चयन करें
वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए नियोक्ता द्वारा प्रोवाइडेड सैलरी स्ट्रक्चर का आकलन करना और टैक्स बेनेफिट्स को ऑप्टिमाइज करने वाले कंपोनेंट्स को सेलेक्ट करना फायदेमंद होता है। जैसे- किराए के घर में रहने वालों द्वारा मकान किराया भत्ता (HRA) चुनना, टेलीफोन/इंटरनेट खर्च, एजुकेशन भत्ता, फूड कूपन आदि का reimbursement लेना फायदेमंद होगा। इसके बाद टैक्सेबल इनकम का कैलकुलेशन करते समय रिलेवेंट कटौती/छूट का क्लेम कर सकते हैं।
3. EPF कंट्रीब्यूशन बढ़ाएं
वेतनभोगी व्यक्तियों के पास यह विकल्प होता है कि अगर वे 1.5 लाख रुपये की निवेश सीमा तक नहीं पहुंचे हैं, तो अपने ईपीएफ कंट्रीब्यूशन के साथ-साथ स्वैच्छिक भविष्य निधि (VPF) में अतिरिक्त योगदान करने पर विचार करें। इस अतिरिक्त योगदान को भी कुछ शर्तों के तहत कर योग्य आय से काटा जा सकता है। इसके अलावा नेशनल पेंशन स्कीम में कर्मचारी का योगदान (सैलरी के 10 फीसदी से अधिक नहीं) कर्मचारी को अतिरिक्त डिडक्शन का फायदा दे सकता है।
4. होम लोन पर टैक्स बेनेफिट्स
यदि किसी बैंक, NBFC या हाउसिंग फाइनेंस कंपनी जैसे वित्तीय संस्थान से हाउस प्रॉपर्टी खरीदने या बनाने के लिए हाउसिंग लोन प्राप्त किया जाता है, तो लोन पर किए गए ब्याज और मूलधन भुगतान को कर नियमों के तहत निर्दिष्ट सीमा के भीतर कर योग्य आय से कटौती के रूप में क्लेम किया जा सकता है। हालांकि, यह टैक्स सेविंग केवल तभी लागू होती है, जब पुरानी कर व्यवस्था को चुना जाता है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मूलधन पुनर्भुगतान राशि पर कटौती धारा 80 सी के तहत कुल रु 1.5 लाख की सीमा के अधीन है।
5. हेल्थ इंश्योरेंस से टैक्स बेनेफिट्स
आयकर नियम स्वयं, जीवनसाथी, आश्रित बच्चों और आश्रित माता-पिता को कवर करने वाले स्वास्थ्य बीमा के लिए भुगतान किए गए प्रीमियमों पर डिडक्शन प्रदान करते हैं। इसलिए, व्यक्ति अपने और अपने परिवार के सदस्यों के लिए स्वास्थ्य बीमा खरीद सकते हैं, ताकि स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थितियों के दौरान चिकित्सा खर्चों का सामना करने के साथ-साथ इन पॉलिसियों के लिए भुगतान किए गए प्रीमियमों के लिए टैक्स बेनेफिट्स प्राप्त कर सकें। स्वयं, जीवनसाथी और आश्रित बच्चों के लिए अधिकतम रु 25,000 और वरिष्ठ नागरिक माता-पिता के लिए रु 50,000 तक डिडक्शन की अनुमति है।
6. सही कर व्यवस्था चुनें
सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 से एक नई सरल वैकल्पिक व्यक्तिगत आयकर व्यवस्था लागू की। इस व्यवस्था के तहत, व्यक्तियों या हिंदू अविभाजित परिवारों के पास कुछ शर्तों को पूरा करने के साथ कम स्लैब दरों पर करों का भुगतान करने का विकल्प होता है। यह रिजीम कुछ छूट और कटौती के बिना आता है। व्यक्ति मौजूदा और नई कर व्यवस्था के तहत देय टैक्स की तुलना कर सकते हैं और उस टैक्स रिजीम को चुन सकते हैं, जो आपके लिए अधिक फायदेमंद हो।