फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई है। बहुत सारे लोग अपना इनकम टैक्स रोज भर रहे हैं। ऐस में आप भी अपने रिटर्न दाखिल करने की तैयारी कर रहे हैं तो यह जानना बहुत जरूरी है कि आपको कहां से कितना छूट मिल सकती है। निवेश पर मिलने वाली कटौतियों और छूटों का उपयोग कर टैक्स देनदारियों को कम करने में मदद मिलती है। आज हम आपको यह बता रहे हैं कि आपको होम लोन, 80सी, हेल्थ इंश्योरेंस जैसे प्रमुख निवेश माध्यम पर इनकम टैक्स में कितनी छूट मिलती है।
होम लोन ब्याज
आयकर अधिनियम की धारा 24 के तहत होम लोन ब्याज पर इनकम टैक्स छूट दी जाती है। आवासीय संपत्ति खरीदने, निर्माण करने या उसका नवीनीकरण करने के लिए लिए गए ऋण पर चुकाया गया ब्याज कटौती योग्य होता है। आपको बता दें कि होम लोन के ब्याज पर आप 2 लाख रुपये तक टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं।
धारा 80सी के तहत निवेश
आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80सी के तहत विभिन्न निवेशों पर टैक्स छूट प्रदान की जाती है। इनमें पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), कर्मचारी भविष्य निधि (EPF), इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS), राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC), और प्रत्येक वर्ष भुगतान किए जाने वाले दो बच्चों के फीस शामिल है। 5 साल के एफडी पर भी इनकम टैक्स् में छूट मिलती है। धारा 80 सी के तहत ₹1.5 लाख तक की छूट मिलती है।
हेल्थ इंश्योरेंस
आयकर अधिनियम की धारा 80डी के तहत हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर टैक्स छूट दी जाती है। आप जीवनसाथी, बच्चों और आपके माता-पिता के लिए हेल्थ इंश्योरेंस खरीद कर यह छूट प्राप्त कर सकते हैं। आप अपने, अपने जीवनसाथी और बच्चों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेते हैं तो ₹25,000 तक का टैक्स छूट दावा कर सकते हैं। वहीं, 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक माता-पिता के लिए भुगतान किए गए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम के लिए ₹50,000 तक का दावा किया जा सकता है।
दान और धर्मार्थ
आयकर अधिनियम की धारा 80G के तहत दान और धर्मार्थ संगठनों में मदद करने पर टैक्स छूट मिलती है। मान्यता प्राप्त गैर-लाभकारी संगठनों को दिए गए अधिकांश दान पर 50% कटौती लागू होती है। वहीं, ग्रामीण विकास या वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए किए गए दान पर 100% कटौती की जा सकती है।
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